Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा 2023 के कथित पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी उर्फ शशि भूषण दीक्षित की जमानत याचिका खारिज कर दी। सोमवार को जस्टिस एके चौधरी की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
दीक्षित को 28 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से परीक्षार्थियों की सूची, धन उगाही से संबंधित डिजिटल साक्ष्य, और गिरोह के अन्य सदस्यों से संपर्क के सबूत बरामद हुए थे।
गिरफ्तारी और जांच
झारखंड CID की विशेष जांच टीम (SIT) ने मार्च 2025 में दीक्षित और उनके सहयोगी विवेक रंजन को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि यह गिरोह JSSC CGL परीक्षा के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था।
CID ने 10 आरोपियों, जिनमें पांच IRB जवान, एक असम राइफल्स जवान, एक होमगार्ड, और अन्य शामिल हैं, के खिलाफ पहली चार्जशीट तैयार की है, जो जल्द ही कोर्ट में दाखिल की जाएगी। हालांकि, जांच में अभी तक प्रश्नपत्र लीक होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC CGL परीक्षा के परिणाम प्रकाशन पर रोक लगा रखी है, और मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को CID जांच के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने सीबीआई जांच की मांग की है, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, और CID को जांच जारी रखने को कहा है।
क्या है मामला?
JSSC CGL परीक्षा 21-22 सितंबर 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें 6.5 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा के दौरान पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किए। CID की जांच में पाया गया कि दीक्षित का गिरोह पेपर लीक का दावा करके अभ्यर्थियों से पैसे वसूल रहा था, लेकिन वास्तविक लीक का कोई सबूत नहीं मिला। फिर भी, कोर्ट ने परिणामों पर रोक बरकरार रखी है, और जांच चल रही है।