झारखंड

सीएम हेमंत सोरेन ने 80 बेड के COVID-19 अस्पताल का किया उद्घाटन

रामगढ़: झारखंड प्रदेश को जितनी वैक्सीन की जरूरत है, उतना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वैक्सीन सिर्फ एक दिन की प्रक्रिया नहीं है।

भविष्य में भी इसकी उपलब्धता बरकरार रहे, इसके लिए इसी प्रदेश में वैक्सीन प्रोडक्शन फैक्ट्री लगनी चाहिए।

यह प्रस्ताव हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष रखी।

मुख्यमंत्री ने उनके प्रस्ताव का न सिर्फ स्वागत किया, बल्कि उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त किया कि कोई भी व्यक्ति अगर वैक्सीन प्रोडक्शन प्लांट के लिए इच्छुक है, तो सरकार उन्हें टोकन रेट पर जमीन उपलब्ध कराएगी।

इतनी बड़ी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टाटा स्टील वेस्ट बोकारो में 80 बेड के कोविड अस्पताल के उद्घाटन के दौरान की।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से झारखंड वासियों को बचाने के लिए सरकार ने खुला मंच रखा है।

हर प्रस्ताव का यहां पर स्वागत किया जाएगा। जो जनहित में होंगे उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रामगढ़ जिला ने जीरो पॉइंट से शुरू कर आज एक बेहतर मुकाम हासिल किया है।

मार्च महीने में जब कोरोना के सेकंड वेब की शुरुआत हुई थी, तब जिले में मात्र 30 ऑक्सीजन बेड थे। आज लगभग 450 बेड यहां उपलब्ध हैं।

इस जिले के लिए काफी खुशी की बात है कि इसने कोविड-19 सर्किट में आज एक नई कड़ी जोड़ी है।

टाटा स्टील और जिला प्रशासन के कोआर्डिनेशन से वेस्ट बोकारो, घटोटांड़ डीएवी स्कूल के प्रांगण में 80 ऑक्सीजन बेड अस्पताल की शुरुआत हुई है।

झारखंड में जिस तरीके से कोरोना से जंग लड़ी जा रही है उसमें उद्यमियों का सहयोग काफी सराहनीय है।

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना की लहर अब गांव तक पहुंच चुकी है। वहां वैक्सीन को लेकर भी लोगों में उदासीनता देखी जा रही है।

लेकिन हमें हर व्यक्ति को स्वस्थ रखना है। इसके लिए 5 लाख कोविड-19 किट का वितरण करने का निर्णय लिया गया है।

यह किट आंगनबाड़ी केंद्रों व अन्य स्तर पर भी बांटे जाएंगे। गांव में लोग बीमार होंगे और संक्रमित होंगे तो उन्हें जल्दी वैक्सीन भी नहीं लगेगा।

उन्हें कोरोना से बचाने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें स्वस्थ रखा जाए।

आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जगह रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से गांव में ही लोगों की जांच कराई जा रही है।

पूरे प्रदेश में 20 लाख रैपिड एंटीजन किट उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान समय में ब्लैक फंगस भी इस प्रदेश के लिए एक चुनौती है।

इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए अभी से ही जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया गया है।

कोरोना पीड़ितों के साथ खड़ी है सरकार : बन्ना गुप्ता

उद्घाटन के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वर्तमान परिवेश काफी कष्टकारी है। लेकिन सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है।

सरकार ने सबसे पहले सभी श्मशान घाट, कब्रिस्तान और ग्रेव्यार्ड में अंतिम संस्कार हेतु मुफ्त व्यवस्था कर दी है।

श्मशान घाट में लकड़ियों का खर्चा सरकार उठाएगी। कब्रिस्तान में भी जेसीबी राज्य सरकार के स्तर पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

ग्रेव्यार्ड में भी ताबूत और खुदाई की व्यवस्था सरकार के स्तर से ही होगी।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हर दिन हर जिले से जानकारी ली जाती है।

जहां पर दिक्कत होती है वहां प्रशासन और सरकार के स्तर पर काम शुरू कर दिया जाता है।

टाटा स्टील समूह ने जो आज 80 बेड का अस्पताल खोला है, वह उस इलाके में बेहतर सेवा प्रदान करेगा।

इस अस्पताल में दवाइयां, पीपीई किट, भोजन स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।

यहां 2 डॉक्टर, 10 नर्सिंग स्टाफ, 10 सफाईकर्मी, 3 तकनीकी दक्षता प्राप्त कर्मचारी टाटा स्टील के द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से दो दंडाधिकारी की नियुक्ति यहां की गई है।

साथ ही 3 चिकित्सा पदाधिकारी, 4 नर्स और सुरक्षा जवानों को यह मुस्तैद किया गया है।

रामगढ़ में कोविड- मरीजों के लिए 445 बेड हैं उपलब्ध

डीसी संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि रामगढ़ जिले में 25 कोविड-19 हॉस्पिटल हैं, जिनमें 445 बेड उपलब्ध हैं।

इनमें से 184 बेड अभी ऑक्यूपाइड हैं, 261 खाली हैं। 243 ऑक्सीजन बेड हैं, जिसमें 115 बेड पर मरीज भर्ती हैं।

128 ऑक्सीजन बेड अभी खाली हैं। जिले में 40 आईसीयू बेड हैं जिनमें 36 ऑक्यूपाइड हैं। चार अभी भी खाली है।

कोविड-19 सर्किट में यह जिला शामिल है, इसलिए किसी भी मरीज को यहां भर्ती कराया जा सकता है।

डीसी ने कहा कि सीसीएल जिंदल और टाटा कंपनी के सहयोग से 1000 पल्स ऑक्सीमीटर भी जिले में मौजूद है।

गांव में हर व्यक्ति की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि उन्हें किस तरह के इलाज की जरूरत है।

जिन लोगों ने कोरोना जांच नहीं कराया है लेकिन उनमें अगर कोविड-19 के लक्षण हैं तो उन्हें किट भी उपलब्ध कराया जाएगा।

गांव स्तर पर नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। साथ ही लोकल निगरानी समिति भी बनाई गई है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल किया गया है ताकि गांवों में लोगों को जागरूक किया जा सके।

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