Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने 26,001 शिक्षक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में देरी को लेकर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के प्रति असंतोष व्यक्त किया है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि JSSC ने पहले दिए गए शपथपत्र में बताई गई समयसीमा का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने JSSC को नियुक्ति प्रक्रिया की प्रगति पर विस्तृत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई 2 जुलाई 2025 को निर्धारित की।
JSSC की प्रगति और समयसीमा
JSSC ने कोर्ट को बताया कि कक्षा 6 से 8 के लिए गणित और विज्ञान विषय के प्रशिक्षित स्नातक (TGT) शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जुलाई 2025 के पहले सप्ताह तक पूरी करने का लक्ष्य है। सामाजिक विज्ञान शिक्षकों की भर्ती जुलाई के तीसरे सप्ताह, भाषा शिक्षकों की भर्ती अगस्त के पहले सप्ताह, और कक्षा 1 से 5 के लिए इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों (PRT) की नियुक्ति सितंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी होगी। आयोग ने दावा किया कि परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं और प्रमाणपत्र सत्यापन (डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन) का कार्य पूरा हो गया है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया कि JSSC अपनी ही समयसीमा से पीछे चल रहा है। गणित, विज्ञान, और सामाजिक विज्ञान शिक्षकों का सत्यापन अब तक पूरा हो जाना चाहिए था। इसी तरह, भाषा शिक्षकों और इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया में भी देरी हुई है। याचिकाकर्ताओं ने प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की। कोर्ट ने इन तर्कों को रिकॉर्ड में लिया और JSSC को स्पष्ट समयसीमा के साथ शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
क्या है मामला?
झारखंड सरकार ने 26,001 शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए JSSC को जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसमें कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 के लिए प्राथमिक और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति शामिल है। इस भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण अभ्यर्थियों में असंतोष है, और कई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पहले भी JSSC को प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रगति संतोषजनक नहीं होने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।