झारखंड

झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या में आयी कमी, रंग लाइ फ्रंटलाईन वर्करों की कड़ी मेहनत: रघुवर दास

रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि डाक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्करों की कड़ी मेहनत के कारण कोरोना पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सका है।

इनकी उल्लेखनीय भूमिका के लिए ‘धन्यवाद’ शब्द कम है।

उन्होंने कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से चौंकन्ना एवं मुस्तैद रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए रविवार को कहा कि कोरोना से मुकाबला में प्रधानमंत्री का मंत्र ‘जहां बीमारी वहां उपचार’ सहायक सिद्ध होगा।

राज्य सरकार इसके लिए व्यापक तैयारी कर ले। उन्होंने कहा कि झारखंड में संक्रमित कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आयी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी की रफ्तार में आयी कमी के लिए सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों (निजी एवं कारपोरेट अस्पतालों) के चिकित्सकों एवं गैर-चिकित्सा कर्मियों की लगन की सराहना करते हुए कहा कि ये युद्ध स्तर पर अपने कर्त्तव्य पथ पर डटे हैं।

उन्होंने कोरोना काल की दूसरी लहर के उफान की चर्चा करते हुए कहा कि तब अस्पतालों में जहां मरीजों के लिए बेड मिलना कठिन हो गया था।

वहीं आज साधारण कोविड बेड आसानी से मिल रहे हैं।

उन्होंने कोविड महामारी के दौरान टाटा स्टील द्वारा झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई प्रांतों में प्रति दिन हजारों टन लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए टाटा स्टील की सराहना करते हुए कहा कि टाटा घराना ने देश की विपत्ति के समय हमेशा आगे बढ़कर मदद की है।

इसके लिए उद्योगपति रतन टाटा की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। कोरोना मामलों में आयी गिरावट की चर्चा करते हुए उन्होंने कोरोना नियंत्रण में मिल रही सफलता के लिए जिला प्रशासन की भूमिका को अहम बताया।

साथ ही कहा कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं।

इस मुस्तैदी के लिए जिला प्रशासन के अलावा सभी अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और अन्य गैर चिकित्सा कर्मियों को धन्यवाद देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जिस प्रकार इस कठिन समय में अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन कर रहें हैं उसी ऊर्जा और लगन के साथ कोरोना की अगली जंग का भी मुकाबले कि तैयारी करें।

दास ने हेमंत सरकार पर पत्रकारों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार द्वारा राज्य के सभी पत्रकारों को फ्रंटलाईन वाॅरियर्स का दर्जा नहीं देना, पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू नहीं करना और कोरोना काल के दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि नहीं देना पत्रकारों के प्रति हेमंत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये का नमूना है।

उन्होंने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से किए गए अपने आग्रह को दोहराते हुए इस पर तुरंत अमल करने की अपील की।

राज्य सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाईन वाॅरियर्स का दर्जा दे देती है, तो कोरोना पीड़ित पत्रकारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सहित अन्य लाभ मिल सकेगा।

इसी प्रकार अगर पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू करती है, तो इस मुश्किल दौर बहुत बड़ा संबल मिलेगा।

उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में किसी पत्रकार के निधन के बाद उनके परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्तमान इस जिम्मेदारी से भी भाग रही है।

कोरोना काल में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, ड्यूटी के दौरान जिन पत्रकारों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों ने प्राण गवाएं हैं।

दास ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

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