झारखंड

शिक्षकों और कर्मचारियों के मुद्दे भी निजी स्कूलों के खिलाफ आंदोलन में करें शामिल: अजय राय

रांची: झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सहित देश के उन तमाम अभिभावक संगठनों से आग्रह किया है कि वह निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ हो रहे आंदोलन में उन शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के भी मुद्दे शामिल करें, जो स्कूल प्रबंधन की ओर से शोषित हो रहे हैं।

राय ने कहा कि आपदा में अवसर तलाश कर दोहन करने वाले निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई हो।

देश के अंदर वैसे भी कई स्कूल उदाहरण हैं जो सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड द्वारा संबद्धता प्राप्त है। वहां सिर्फ ट्यूशन फीस लिया जाता है।

वैसे स्कूलों की संख्या ज्यादा है जो विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सरकारों से लीज पर जमीन लेकर अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे है।

उन्होंने बुधवार को कहा कि कई बड़े स्कूलों द्वारा वार्षिक शुल्क, डेवलपमेंट चार्ज, कंप्यूटर , स्मार्ट क्लास ,बिजली पानी मैगजीन व सुरक्षा गार्ड तक के सैलरी तक के पैसे अभिभावकों से वसूल रहे हैं।

इन स्कूलों का हर वर्ष का वार्षिक लाभ करोड़ों में है और वह लगातार राज्य से लेकर देश के अंदर स्कूल का चेन बनाकर शिक्षा के व्यवसायीकरण कर रहे हैं।

राय ने कहा कि हर राज्य अपने यहां संबद्धता प्राप्त किए हुए स्कूलों का पिछले पांच साल का ऑडिट रिपोर्ट की जांच करें। जिन्होंने पूरे वर्ष किन किन मदों में कितना पैसा वसूला है और उसका व्यय किन किन मदों में किया है।

इससे सरकार को भी जानकारी होगी कि कौन स्कूल फायदे में जा रहे हैं और कितने स्कूल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि इसकी निष्पक्ष जांच होती है तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित बेरोजगार अभिभावकों को शोषण से मुक्ति मिलेगी।

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