Ranchi News: झारखंड के चर्चित घाटकुरी आयरन ओर खनन घोटाले में उषा मार्टिन के प्रबंध निदेशक (MD) राजीव झंवर ने सोमवार को रांची की विशेष CBI कोर्ट में अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। झंवर ने हाल ही में विदेश यात्रा के लिए कोर्ट से पासपोर्ट विमुक्त कराया था, और यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने इसे कोर्ट में जमा कर दिया।प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उषा मार्टिन और इसके अधिकारियों के खिलाफ 190 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खनन से जुड़े मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला पश्चिम सिंहभूम जिले के घाटकुरी खदान में लीज से अधिक आयरन ओर के खनन और इसके अवैध निर्यात से संबंधित है।
CBI ने इस मामले में सबसे पहले सितंबर 2016 में FIR दर्ज की थी, जिसे बाद में ED ने 2 अक्टूबर 2021 को टेकओवर कर PMLA के तहत केस दर्ज किया।जांच में सामने आया कि उषा मार्टिन ने घाटकुरी खदान से निकाले गए आयरन ओर का उपयोग अपने हट गम्हरिया स्टील प्लांट के लिए करने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने इसे निर्यात कर दिया, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ। ED ने 2020 में कंपनी की रांची स्थित वायर रोप कारोबार से जुड़ी 190 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इस मामले में उषा मार्टिन के जनरल मैनेजर (GM) प्रमोद कुमार फतेपुरिया सहित अन्य अधिकारी भी आरोपी हैं।
CBI की चार्जशीट में तत्कालीन खनन सचिव अरुण कुमार सिंह, खनन निदेशक इंद्रदेव पासवान और अन्य निजी व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। जांच में आरोप है कि उषा मार्टिन को खदान आवंटन में पक्षपात किया गया और कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध लाभ कमाया। ED ने यह भी दावा किया कि कंपनी ने CBI जांच को प्रभावित करने के लिए रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसमें 25 लाख रुपये की राशि जब्त की गई थी।
सोमवार को विशेष कोर्ट में सुनवाई के दौरान झंवर के पासपोर्ट सरेंडर करने को जांच में सहयोग के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2022 में उषा मार्टिन की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कंपनी ने ED के समन और आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा था कि ये मामले ट्रायल के दौरान ही तय किए जाएंगे। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय होने की उम्मीद है।