झारखंड

पंचायत चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं: दीपक प्रकाश

रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य में पंचायतों के चुनाव कराने के मुद्दे पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर टालमटोल का आरोप लगाया है।

प्रकाश ने शनिवार को कहा कि राज्य की सरकार गांव-गिरांव के जमीनी मुद्दों से मुंह चुरा रही है।

उसे डर है कि पंचायत चुनाव होंगे तो लोग झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की सरकार को जबर्दस्त झटका देंगे।

पंचायत चुनाव भले दलीय आधार पर नहीं होंगे, लेकिन यह सरकार जानती है कि लोग इन पार्टियों द्वारा समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करेंगे। इसी वजह से पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं कर टालमटोल कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नही कराकर राज्य सरकार ग्रामीण विकास कार्य को बाधित कर रही है। अभी तक चुनाव नही होने से मनरेगा में लोगो को काम नही मिल पा रहा है, जिस कारण राज्य में तेजी से पलायन बढ़ रहा है।

दिसंबर 2020 में ही राज्य में पंचायत के कार्यकाल खत्म हो गया था। पड़ोस के राज्यों ने अपने अपने पंचायत चुनाव कराकर पंचायत को अधिकार देने का काम किया है।

लेकिन यह सरकार बार-बार कोरोना या अन्य बहाना बनाकर चुनाव को टालते जा रही है।

प्रकाश ने कहा कि इसके पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने वर्ष जनवरी 2021 में जारी मतदाता सूची के आधार पर चुनाव की तैयारी पूरी कर ली थी लेकिन अब जनवरी 2022 के अहर्ता को ध्यान में रखकर चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।

राज्य में दो वर्षों से लंबित पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित करने पर फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद ही राज्य सरकार विचार करने का निर्णय लिया है।

चुनाव नही कराने की राज्य सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के कारण चुनाव को बार बार बहाना बनाकर टाला जा रहा है।

प्रकाश ने कहा कि हेमन्त सोरेन की सरकार सत्ता में आने के लिए जल-जंगल -जमीन बचाने का नारा का सहारा लिया। लेकिन सत्ता में बैठते ही सत्ता के संरक्षण में माफियों द्वारा तेजी ने जंगलों का दोहन शुरू हो गया है।

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में 2019 मे घना वन क्षेत्र 2603.02 वर्ग किलोमीटर था और 2021 के सर्वे में 2601.05 वर्ग किलोमीटर हो गया।

इसका अर्थ यह कि दो वर्ग किलोमीटर की कमी आयी है। राज्य में संथाल परगना के पाकुड़, लोहरदगा, लातेहार और कोडरमा जिला में घने वन क्षेत्र में कमी आयी है।

प्रकाश ने कहा कि मनरेगा में झारखंड में 23,30,103 परिवारों को मनरेगा के तहत एक दिन का भी काम नहीं मिल सका है।

राज्य के 45,80,269 जॉब कार्डधारी परिवारों में से 22,50,166 परिवार ही ऐसे हैं जिन्हें एक या उससे अधिक दिन काम मिला है।

राज्य में केवल 54041 परिवार को ही 100 दिनों का काम मिल सका है। एक तरफ जहां राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम देने का निर्देश दे रही है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker