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कुरान पर की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगें रिजवी : एनसीएम

लखनऊ: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी को कुरान के खिलाफ दिए गए उनके बयानों को लेकर नोटिस जारी किया है।

इसके अलावा उन्हें 21 दिन के अंदर बिना शर्त माफी मांगने और अपने बयानों को वापस लेने के लिए कहा गया है।

एनसीएम ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिजवी द्वारा दी गई अर्जी पर चिंता जताते हुए मीडिया से कहा कि यह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए की गई सोची समझी साजिश है।

यह नोटिस केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव डैनियल ई रिचर्डस ने एनसीएम की ओर से भेजा है और इसमें कहा कि रिजवी द्वारा माफी न मांगे जाने की सूरत में एनसीएम एक्ट 1992 के सेक्शन 9 के तहत मामले में सुनवाई कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एनसीएम को रिजवी के बयानों को लेकर कई शिकायतें मिली हैं।

इनकी जांच में पता चला है कि यह बयान भड़काऊ, दुर्भावनापूर्ण, राष्ट्रीय हित के खिलाफ और मुसलमानों के विभिन्न संप्रदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने वाला और भारत के संविधान के तहत दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला है।

एनसीएम ने आगे कहा कि रिजवी का बयान भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए का उल्लंघन करता है, जो किसी विशेष समूह या वर्ग के धर्म, जाति, जन्म स्थान, जन्म और निवास स्थान या किसी धर्म के संस्थापकों पर हमला करता है।

इसके अलावा यह आईपीसी की धारा 295 ए के भी खिलाफ है।

बता दें कि रिजवी ने हाल ही में कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि ये आयतें हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती हैं।

ये मूल कुरान का हिस्सा नहीं हैं और इन्हें पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बाद जोड़ा गया है।

एनसीएम में ये शिकायतें अब्दुल मजीद निजामी, अली रजा जैदी, मोहम्मद फैजान चौधरी और मौलाना सैयद नजर अब्बास ने की थीं।

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