नई दिल्ली: Delhi की एक अदालत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) को नया साधारण पासपोर्ट जारी करने की अनुमति मांगने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आवेदन का विरोध करते हुए जवाब दाखिल करने की अनुमति दे दी।
स्वामी ने तर्क दिया कि राहुल गांधी के खिलाफ मामले अदालत (Court) के समक्ष लंबित हैं और उन्हें यात्रा करने की अनुमति देने से नेशनल हेराल्ड मामले में चल रही जांच प्रभावित होगी।
राहुल गांधी की अर्जी पर सुनवाई 26 मई को
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव मेहता (Vaibhav Mehta) ने कहा कि क्योंकि यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और अदालत ने गांधी के यात्रा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था, इसलिए उन्होंने किसी अदालत (Court) से अनुमति लिये बिना कई बार यात्रा की है।
अदालत ने राहुल गांधी की अर्जी पर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की है। मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव मेहता ने कहा कि गांधी को दिसंबर 2015 में जमानत देते हुए अदालत ने उनकी यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।
‘यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार’
हालांकि, Rahul Gandhi की ओर से पेश अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने कहा कि अदालत ने उन पर कोई यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाया है।
अतिरिक्त मुख्य Metropolitan Magistrate वैभव मेहता ने कहा कि यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और 2015 में Trail Court से जमानत मिलने के दौरान राहुल गांधी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।
राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा से पहले
अदालत ने स्वामी को एक लिखित जवाब दाखिल करने की अनुमति दी और मामले को 26 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
Rahul Gandhi ने अपनी अमेरिका यात्रा से पहले मंगलवार को एक नया साधारण पासपोर्ट जारी करने की अनुमति और अनापत्ति मांगने के लिए आवेदन दिया था।
गांधी ने अदालत से अनापत्ति मांगा
उन्होंने अदालत से अनुमति मांगी थी क्योंकि मार्च 2023 में उन्हें मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद संसद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) सरेंडर कर दिया था।
गांधी ने अदालत से अनापत्ति मांगा था क्योंकि वह 2012 में स्वामी द्वारा दायर नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं।