नई दिल्ली: नये संसद भवन (New Parliament House) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक PIL दाखिल की गयी है।
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति संसद का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा
सुप्रीम कोर्ट के वकील CR जया सुकिन ने ये याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास
याचिका में कहा गया है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन राज्यसभा और लोक सभा शामिल हैं।
राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।