झारखंड

जिस लड़की ने हेमंत सोरेन पर लगाया था रेप का आरोप , उसने अब बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे सहित चार लोगों पर लगाए गंभीर आरोप

रांची: झारखंड की राजनीति में मुंबई की एक युवती ने हलचल पैदा कर दी है।

इस ट्वीट में युवती ने भाजपा नेताओं बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दूबे समेत चार लोगों पर गंभीर आरोप लगाये है।

लड़की ने वीडियो में कहा कि उसकी जान को खतरा है, उसे धमकी दी जा रही है और लगातार गलत-गलत ट्वीट किया जा रहा है।

उसे काफी डर लग रहा है और उन्होंने पुलिस में भी शिकायत की है।

यदि उसे कुछ हो जाता है, तो इसके लिए जहूर आलम, सुनील तिवारी, बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दूबे जिम्मेवार होंगे।

इस ट्वीट के सामने आने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दस्तावेजों के अध्ययन से यह बात साफ हो जाती है कि पीड़िता का वीडियो में दिया बयान उपलब्ध दस्तावेजों से विपरीत है।

बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक, मुम्बई पुलिस कमिश्नर एवं अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अविलंब पीड़िता को सुरक्षा देने की मांग की और कहा कि उन्हें अंदेशा है कि वह युवती दबाव में बयान दे रही है।

मरांडी ने कहा  कि उन्हें इस बात की आशंका है कि 2013 की तरह एक बार फिर उस लड़की पर पद के प्रभाव का दवाब बनाकर उससे  विषय से हटकर बयानबाजी कराई जा रही है और फिर से मामले को जांच होने से पहले ही दफ़न करा देने का प्रयास हो रहा है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस पूरे मामले को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा अनुचित दबाव डालकर जांच नहीं होने देने की कोशिश की जा रही है।

बाबूलाल ने कहा कि झारखंड की जनता को जानने का हक है कि जिस व्यक्ति को उन्होंने चुना उसका वास्तविक चरित्र क्या है।

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मरांडी ने कहा कि 2013 में उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर 2013 में  ही उस पीड़िता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रेप का आरोप लगाया था।

जिसे अनुचित तरीक़े से दवाब डालकर यह कहते हुए वापस करा दिया गया कि लड़की की शादी होने वाली है और वह घर बदल रही है।

इसलिये केस आगे लड़ना नहीं चाहती। देश के क़ानून में रेप का मामला किसी पीड़िता के निजी मजबूरियों के चलते बंद नहीं हो सकता। ऐसे में मुख्यमंत्री पर 2013 में लगा रेप का आरोप आज भी विराजमान है।

2020 में उसका संदेहास्पद परिस्थिति में एक्सीडेंट हो गया था। कुछ हफ्ते पूर्व उसने बांद्रा पुलिस स्टेशन में अर्जी देते हुए फिर से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के ऊपर उसी रेप का मामला दर्ज करने की मांग की थी।

बाबूलाल ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा सभी हथकंडे अपना कर इस पूरे मामले की लीपापोती की कोशिश की जा रही है। 2013 के रेप के मामले को जांच करने की गुहार लड़की ने लगायी है।

लेकिन आज के वीडियो में इस आरोप की जगह वह दूसरी तरह की बातें करती दिख रही है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस मामले की सच्चाई की तह तक जाना जरूरी है क्योंकि कोई बलात्कार का आरोपी झारखंड की कुर्सी पर बैठा रहे यह कतई उचित नहीं।

इसलिए सर्वप्रथम उस लड़की को सुरक्षा प्रदान करते हुए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।

यह मामला मुंबई पुलिस, मुंबई उच्चन्यायालय और राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने भी है। ऐसे में बग़ैर उच्चस्तरीय जांच इस मामले को पूर्व की तरह रफादफा कराने का किसी का भी मंसूबा कामयाब नहीं होगा।

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