There will be Changes in the rules of Faculty Appointment: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) जल्द ही फैकल्टी भर्ती नियमन (Faculty Recruitment Regulation) का ड्राफ्ट लाने वाला है।
इस नियम से कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भर्ती (Recruitment in Colleges and Universities) के नियमों में बदलाव होगा। इस नियम के आने के बाद उद्यमिता स्टार्टअप जैसे नए क्षेत्रों और उद्योग भागीदारी को लेकर जुनून रखने वाले पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारकों को सीधे कॉलेज और विश्वविद्यालयों में बतौर फैकल्टी नियुक्ति मिल सकेगी।
UGC के चैयरमेन द्वारा दी जानकारी के मुताबिक यदि कोई अभ्यर्थी ग्रेजुएशन, PG और PHD में अलग-अलग विषय पढ़ता है तो उन्हें भी शिक्षक के रूप में भर्ती किया जा सकेगा।
PHD होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है
बता दें यूजीसी विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षक व अन्य अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता और तय किए गए मानक बरकरार रखने के 2018 के नियमन में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।
पुराने नियम के मुताबिक अभी तक चार वर्षीय ग्रेजुएशन और PG के साथ PHD होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है। इसके साथ ही इस नियम के मुताबिक अभी तक ग्रेजुएशन/पोस्ट ग्रेजुएशन और PHD एक ही विषय से होना अनिवार्य है। अब इसमें बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। पिछले 6 महीने में इस पर समीक्षा की गई है जिसके बाद ड्राफ्ट तैयार किया है।
UGC चैयरमैन के मुताबिक अब शोध पर जरूरत से ज्यादा जोर दिया जाएगा। वर्तमान समय में रिसर्च के लिए गैर प्रमाणित व संदिग्ध प्रकाशन से लिए गए तथ्य पेश किए जाते हैं जिससे चीजें बेहतर होकर बाहर नहीं आती हैं। ऐसे में इस संकीर्ण सोच को बदलने के लिए शोध पर जरूरत से ज्यादा काम करना होगा ताकि आने वाले समय में समाज एवं उद्योग के लिए जरूरी कौशल से तैयार ग्रेजुएट युवा बाहर आएं और देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें।
यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि अभी स्टार्टअप व उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठता दर्शाने वालों को तुलनात्मक रूप से कमतर माना जाता है। भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए अपने फैकल्टी स्टाफ में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को भर्ती करना होगा।