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टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस का खुलासा, मामले का खालिस्तानी कनेक्शन

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में बताया कि टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट ओपन सोर्स में उपलब्ध हैं। उनकी जांच की गई है।

मिले दस्तावेजों के माध्यम से पुलिस ने जानकारी दी कि सांस्कृतिक धरोहर को हानि पहुंचाना और भारतीय दूतावासों को टारगेट करने जैसे कार्य उल्लेखित है।

टूलकिट में दिए गए कार्यक्रम को दिल्ली में घटित घटनाक्रम के परिपेक्ष में देखा गया,तब समझ में आया कि दिए एक्शन प्लान को हू-ब-हू आगे बढ़ाया गया।

इस सभी तथ्यों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर नंबर 49/21 दर्ज की और साइबर सेल द्वारा इसकी जांच की जा रही है।

ज्वाइंट सीपी साइबर सेल प्रेम नाथ ने बताया गया कि टूलकिट के मौजूद स्क्रीनशॉट्स की पड़ताल की गई और जांच में पर्याप्त जानकारी मिलते ही निकिता जैकब के खिलाफ सर्च वॉरंट जारी कर टीम को मुंबई भेजा गया।

जहां पर तलाशी के दौरान दो लैपटॉप और एक आईफोन मिला।

पुलिस ने बताया कि वहां और उनके सहयोगी शांतनु ओर दिशा ने डॉक्युमेंट बनाया था। शांतनु का इमेल अकाउंट इस डॉक्युमेंट में है, वह इसका ओनर है। बाकी लोग इसके एडिटर्स हैं।

दिल्ली पुलिस ने केस में खालिस्तानी कनेक्शन की बात कही।

उन्होंने कहा कि जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि खालिस्तान समर्थक ग्रुप पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के मो धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रही सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया और उनका मकसद था कि गणतंत्र दिवस पर डिजिटल स्ट्राइक करना था।

पुलिस ने बताया कि 11 जनवरी को निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ जूम मीटिंग की थी, इसमें इन चीजों को लेकर चर्चा हुई।

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