Cyber criminals in Jharkhand: झारखंड की राजधानी रांची में साइबर अपराधियों का नया जाल सामने आया है, जहां एक आम आदमी के दो बैंक खातों से कुल 25 लाख रुपये की बेशर्म लूट कर ली गई।
मोरहाबादी के निवासी प्रताप परुई ने इस धोखाधड़ी की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई है, और उन्होंने एक्सिस बैंक पर लापरवाही व आंतरिक मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि उनके खातों में न तो मोबाइल बैंकिंग सक्रिय थी और न ही इंटरनेट बैंकिंग, फिर भी पैसे कैसे उड़ाए गए? यह मामला साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को लेकर अलर्ट बजा रहा है।
व्हाट्सऐप से शुरू हुई चाल
घटना 24 अक्टूबर 2025 की है। प्रताप परुई को व्हाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को एक्सिस बैंक का अधिकारी बताया।
कॉलर ने बैंक शाखा जैसा दिखने वाला फर्जी बैकग्राउंड इस्तेमाल किया-डेस्क, कंप्यूटर और ब्रांडेड लोगो के साथ-जिससे प्रताप को पूरा भरोसा हो गया। कॉल के दौरान अपराधी ने ‘अकाउंट वेरिफिकेशन’ का बहाना बनाकर कुछ पर्सनल डिटेल्स मांगीं। लेकिन असल में, यह कॉल एक ट्रैप थी।
कॉल समाप्त होते ही प्रताप का मोबाइल फोन हैक हो गया, और धोखेबाज ने उनके नाम से एक्सिस बैंक की मोबाइल बैंकिंग ऐप अपने डिवाइस पर इंस्टॉल कर ली। प्रताप ने बताया, “मैंने कुछ शेयर नहीं किया, लेकिन वीडियो कॉल के जरिए ही मेरा फोन कंप्रोमाइज हो गया।”
25-26 अक्टूबर को रांची-दिल्ली में ट्रांजेक्शन
हैकिंग के महज दो दिन बाद, 25 और 26 अक्टूबर को अपराधियों ने कमाल कर दिया। प्रताप के रांची के अशोक नगर शाखा और दिल्ली के जमरूदपुर शाखा स्थित दो खातों से कुल 25 लाख से ज्यादा की राशि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, शॉपिंग और अन्य माध्यमों से साफ कर दी गई।
पीड़ित ने खुलासा किया कि खातों में नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप की सुविधा कभी एक्टिवेट नहीं की गई थी। फिर भी, फ्रॉडर्स ने ऐप को हैक कर OTP बायपास कर लिया। प्रताप ने कहा, “ट्रांजेक्शन इतने स्मूथ थे जैसे बैंक का कोई इनसाइडर मदद कर रहा हो। बिना मिलीभगत के यह संभव नहीं।”


