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झारखंड : नगर विकास सचिव को संजय सेठ ने लिखा पत्र

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रांची: रांची में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के मामले में सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को नगर विकास सचिव को पत्र लिखा है।

नगर विकास सचिव को लिखे पत्र में सांसद ने यह सुझाव दिया है कि महज 40 एकड़ में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का फैसला सही कदम नहीं होगा।

ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के लिए एक बार उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में बने ट्रांसपोर्ट नगर का भ्रमण करना, उसे देखना, समझना और तब योजना तैयार करना बेहतर कदम होगा।

इस मामले में झारखंड के नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे को लिखे पत्र में सांसद ने कहा है कि रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और झारखंड प्रगतिशील मजदूर यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला।

रांची में बनाए जाने वाले ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण पर चर्चा हुई, जिसके बाद कई ऐसी बातें सामने आई, जिसपर ध्यान दिया जाना अतिआवश्यक है।

सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि रांची में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों के हित के लिए एक अच्छा कदम है लेकिन आने वाले 50 वर्षों को देखते हुए इसकी योजना बनाने की आवश्यकता है। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए महज 40 एकड़ जमीन आवंटित की गई है, जो पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने नगर विकास सचिव से कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर जहां बसेगा, वहां एक नए ही क्षेत्र का विकास होना है।

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी, उस पर निर्भर रहने वाले छोटे-छोटे वाहन चालक, दूसरे राज्यों और शहरों से आने वाले व्यवसायी, इस काम से जुड़े कामगार मजदूर सहित बड़ी संख्या में लोग इस स्थान से जुड़ेंगे। प्रतिदिन हजारों बड़े बड़े मालवाहक वाहनों की आवाजाही होगी। ऐसी परिस्थिति में 40 एकड़ भूमि पर्याप्त नहीं होगी।

सांसद ने सुझाव दिया कि यहां ट्रांसपोर्ट नगर बनाने से पूर्व उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बने ट्रांसपोर्ट नगर को देखा जाए और फिर उस अनुरूप योजना बना कर, इस पर आगे बढ़ना चाहिए।

ताकि ट्रांसपोर्ट नगर के कर्मचारियों, यहां के व्यवसायियों आदि का ख्याल रखा जा सके। यहां विश्राम गृह और अन्य सुविधाएं, भोजन, आश्रय, सुरक्षा व्यवस्था व अन्य दैनिक जरूरतों की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।

सांसद ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर का क्षेत्रफल कम से कम 200 एकड़ का होना चाहिए, ताकि आने वाले 50 साल तक इसका बेहतर उपयोग हो सके। इस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी और अन्य परिवार के लोगों को भी समुचित लाभ मिल सके।

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