Homeझारखंडसभी 12 ज्योतिर्लिंग में अलग महत्व रखता है बाबा बैद्यनाथ धाम

सभी 12 ज्योतिर्लिंग में अलग महत्व रखता है बाबा बैद्यनाथ धाम

Published on

spot_img
- Advertisement -
- Advertisement -

देवघर: झारखंड के देवघर जिला स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Baidyanath Dham) देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंग में अलग महत्व रखता है। यहां ज्योतिर्लिंग के स्पर्श पूजा का विधान है। इसकी संज्ञा मनोकामना ज्योतिर्लिंग की है।

मंदिर के शीर्ष पर स्थापित ‘पंचशूल’ को सुरक्षा कवच माना गया है

बैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) की सबसे बड़ी विशेषता इसके शीर्ष पर स्थापित ‘पंचशूल’ है, जिसे सुरक्षा कवच माना गया है। हालांकि पंचशूल के विषय में धर्म के जानकारों का अलग-अलग मत है।

एक मत है कि त्रेता युग में रावण की लंकापुरी के द्वार पर सुरक्षा कवच के रूप में भी पंचशूल स्थापित था।

मंदिर के तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि रावण को पंचशूल यानी सुरक्षा कवच को भेदना आता था, जबकि यह भगवान राम के वश में भी नहीं था। भगवान राम को विभीषण ने जब युक्ति बताई, तभी श्रीराम और उनकी सेना लंका में प्रवेश कर सकी थी।

मंदिर पर आज तक किसी भी प्राकृतिक आपदा का असर नहीं हुआ है

शास्त्रीय विद्वान (Classical Scholar) बताते हैं कि पंचशूल के सुरक्षा कवच के कारण ही बाबा बैद्यनाथ स्थित इस मंदिर पर आज तक किसी भी प्राकृतिक आपदा का असर नहीं हुआ है।

पंडितों का कहना है कि पंचशूल का दूसरा कार्य मानव शरीर में मौजूद पांच विकार-काम, क्रोध, लोभ, मोह व ईर्ष्या का नाश करना है। मगर पंडित राधा मोहन मिश्र ने इस पंचशूल को पंचतत्वों-क्षिति, जल, पावक, गगन तथा समीर से बने मानव शरीर का द्योतक बताया है।

पंचशूल को मंदिर से नीचे लाने और फिर ऊपर स्थापित करने का अधिकार एक ही परिवार को प्राप्त है

मंदिर के पंडों के मुताबिक, मुख्य मंदिर में स्वर्ण कलश के ऊपर लगे पंचशूल सहित यहां के सभी 22 मंदिरों पर लगे पंचशूलों को साल में एक बार शिवरात्रि के दिन नीचे उतार लिया जाता है और सभी को एक निश्चित स्थान पर रखकर विशेष पूजा-अर्चना कर पुनः स्थापित कर दिया जाता है।

इस दौरान शिव और पार्वती के मंदिरों के गठबंधन को भी हटा दिया जाता है। लाल कपड़े के दो टुकड़ों में दी गई गांठ खोल दी जाती है और महाशिवरात्रि के दिन फिर से नया गठबंधन किया जाता है।

गठबंधन वाले पुराने लाल कपड़े के दो टुकड़ों को पाने के लिए हजारों भक्त यहां एकत्रित होते हैं। उल्लेखनीय है कि पंचशूल (Panchshul) को मंदिर से नीचे लाने और फिर ऊपर स्थापित करने का अधिकार एक ही परिवार को प्राप्त है।

Latest articles

रांची में हत्या के दोषी कुर्बान को उम्रकैद, 15 हजार का Fine भी लगाया

Ranchi Civil court: अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को 5 साल...

रांची विश्वविद्यालय में 2026 से शुरू होंगे BPEd, MPEd और BPS कोर्स, कुलपति ने दी हरी झंडी

Ranchi University: रांची विश्वविद्यालय (RU) में सत्र 2026 से बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (BPEd),...

टाटा स्टील के मैनेजर ने पत्नी और बेटियों के साथ किया आत्महत्या, कैंसर ने छीनी चार जिंदगियां

Jamshedpur News: सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर, चित्रगुप्त नगर में शुक्रवार, को दिल दहलाने वाली...

पलामू में पत्नी की हत्या का आरोपी विनीत ने किया सरेंडर, जेल भेजा गया

Palamu News: पाटन थाना क्षेत्र के नौडीहा गांव में नवविवाहिता सिमरन सिंह (22) की...

खबरें और भी हैं...

रांची में हत्या के दोषी कुर्बान को उम्रकैद, 15 हजार का Fine भी लगाया

Ranchi Civil court: अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को 5 साल...

रांची विश्वविद्यालय में 2026 से शुरू होंगे BPEd, MPEd और BPS कोर्स, कुलपति ने दी हरी झंडी

Ranchi University: रांची विश्वविद्यालय (RU) में सत्र 2026 से बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (BPEd),...

टाटा स्टील के मैनेजर ने पत्नी और बेटियों के साथ किया आत्महत्या, कैंसर ने छीनी चार जिंदगियां

Jamshedpur News: सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर, चित्रगुप्त नगर में शुक्रवार, को दिल दहलाने वाली...