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केरल में NEET परीक्षा देने पहुंचीं छात्राएं हुई शर्मसार, अंडरगारमेंट उतारने को किया मजबूर

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तिरुवनंतपुरम: NEET Exam (नीट परीक्षा) के दौरान चेकिंग (Checking) के दौरान होती अप्रिय घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

अब केरल (Kerala) के कोल्लम (kollam) जिले के चादयामंगलम के माथोर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (Mathorma Institute of Information Technology) में इस साल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा देने पहुंची लड़कियों को शर्मसार होना पड़ा।

परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले निरीक्षकों (Inspectors) ने उन्हें अपने अंडरगारमेंट (Undergarments) को हटाने के लिए मजबूर किया गया।

जब तलाशी प्रक्रिया के मेटल डिटेक्शन (Metal Detection) चरण में उन्हें अपने अंडरक्लॉथ (Umdercloth) हटाने के लिए मजबूर किया गया तो सौ से अधिक छात्राओं को अपमान का सामना करना पड़ा।

छात्राओं ने कहा कि उन्हें परीक्षा देने से पहले मनोवैज्ञानिक आघात सहना पड़ा। नीट (NEET) के कोड के अनुसार विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र में किसी भी धातु की वस्तु पहनने की अनुमति नहीं है। जूते (Shoes) की भी अनुमति नहीं है। चप्पल और सैंडल पहन सकते हैं।

सूरनाड की एक छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

मामले में कोल्लम (Kollam) जिले के सूरनाड की एक छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी बेटी आठवीं कक्षा से ही नीट (NEET) की तैयारी कर रही थी, लेकिन इस घटना ने उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया।

शिकायत के बाद चादयमंगलम पुलिस ने केस दर्ज कर 19 जुलाई को पांच महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों में मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Mathorma Institute of Information Technology) के दो कर्मचारी और निजी एजेंसी के तीन कर्मचारी शामिल हैं। छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा कि 100 से अधिक छात्राओं ने मामले में चुप्पी साधे रखी।

उनकी अंडरगारमेंट परीक्षा हॉल (Exam Hall) के बाहर एक टोकरी में फेंक दी गई। वह अपने अंडरक्लॉथ के बिना परीक्षा देने के लिए शर्मिंदा थी।

NEETआयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि परीक्षा में अंडरगारमेंट्स (Undergarments) को हटाया जाए।

दिलचस्प बात यह है कि एनटीए की ओर से परीक्षा ड्यूटी के लिए नियुक्त सुरक्षा कर्मचारियों को इस तरह की परीक्षा के दौरान छात्राओं को होने वाले मानसिक आघात के बारे में पता नहीं था।

परीक्षा केंद्रों में सभी अवांछित प्रावधानों को खत्म करना चाहिए

केरल के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. आर. बिंदू (Dr. R. Bindu) ने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Education Minister) से शिकायत की थी और बाद में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भी इस मुद्दे को उठाया था।

केरल के एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर सुभद्रा एन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी। परीक्षा सेंटर पर नियुक्ति सुरक्षा कर्मचारियों को बुनियादी न्यूनतम जानकारी होनी चाहिए।

उन्हें यह ज्ञान होना चाहिए कि विद्यार्थियों के भविष्य के लिए ये परीक्षाएं कितनी महत्वपूर्ण हैं और इसके लिए उन्होंने वर्षों कड़ी मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों और परीक्षा (Academics And Exams) के मामलों के प्रभारी को परीक्षा की उचित जांच करनी चाहिए और नीट परीक्षा केंद्रों में सभी अवांछित प्रावधानों को खत्म करना चाहिए।

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