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कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने UP के DGP को लिखा पत्र

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नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Pramod Krishnam) ने UP DGP को पत्र लिख कर बिहार के शिक्षा मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए बयान के बाद से ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की राजनीतिक जगत और संत समाज में आलोचना हो रही है सख्त कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।

अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख यानि DGP को FIR दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है।

कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने UP के DGP को लिखा पत्र

बिहार के शिक्षा मंत्री ने श्री रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रन्थ बताया

प्रमोद कृष्णन ने DGP को लिखे अपने पत्र में लिखा, “11 जनवरी को नालंदा विश्व विद्यालय (Nalanda University) में दीक्षांत समारोह के दौरान बिहार के मौजूदा शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर यादव ने श्री रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रन्थ बताया है। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा था ‘रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। ये नफरत बोने वाला ग्रंथ हैं। अधम जाति (Low Caste) में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए’ चौपाई को सुनाया। इसका गलत अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि अधम का मतलब नीच होता है जो कि अपवाह और भ्रम फैलाने की श्रेणी में आता है।”

कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने UP के DGP को लिखा पत्र

 

प्रमोद कृष्णन ने अपने पत्र लिखा

उन्होंने कहा, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रन्थ रामचरित मानस के विषय में अभद्र, अपमानजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की है जिसकी वजह से प्रार्थी की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।

जो गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित रामचरित मानस त्याग तपस्या और बलिदान के साथ साथ प्रेम सद्भावना, करुणा और मयार्दा का ग्रन्थ है।

प्रमोद कृष्णन ने अपने पत्र में कहा, मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम और रामायण करोड़ो लोगों की आस्था का आधार है, ऐसे में किसी व्यक्ति के द्वारा गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित रामचरित मानस के विषय में अभद्र अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी कानून और संविधान के भी विपरीत है क्योंकि भारत का संविधान (Constitution of India) किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं देता और चंद्रशेखर यादव के बयान से करोड़ों रामभक्तों की आस्था आहत हुई है जो कि कानून की ²ष्टि से घोर दंडनीय अपराध है।

प्रमोद कृष्णन ने DGP से अनुरोध किया है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) के आधार पर मुकदमा दर्ज कर चंद्रशेखर के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही हो।

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