HomeUncategorizedकलकत्ता हाईकोर्ट ने माणिक भट्टाचार्य पर लगाया 2 लाख का जुर्माना

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माणिक भट्टाचार्य पर लगाया 2 लाख का जुर्माना

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कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) की एकल न्यायाधीश (Single Judge) पीठ ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) में संलिप्तता को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (WBBPE) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

भट्टाचार्य फिलहाल न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि ऐसा व्यक्ति WBBPE का प्रमुख कैसे हो सकता है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माणिक भट्टाचार्य पर लगाया 2 लाख का जुर्माना- Calcutta High Court imposed a fine of 2 lakh on Manik Bhattacharya
15 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि जमा कराने की व्यवस्था करनी होगी: गंगोपाध्याय

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय (Justice Gangopadhyay) ने यह भी निर्देश दिया कि भट्टाचार्य को प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में वित्तीय दंड (Financial Penalty) का नोटिस दिया जाए, जहां उन्हें अभी रखा गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि WBBPE के पूर्व अध्यक्ष को नोटिस दिए जाने के 15 दिनों के भीतर जुर्माने (Fines) की राशि अदालत में जमा कराने की व्यवस्था करनी होगी।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने माला रानी पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जो 2014 में प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teachers) की भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल हुई थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माणिक भट्टाचार्य पर लगाया 2 लाख का जुर्माना- Calcutta High Court imposed a fine of 2 lakh on Manik Bhattacharya

परीक्षाओं में शामिल नहीं होने के कारन आयु सीमा समाप्त

अपनी याचिका में पाल ने आरोप लगाया कि उसे अभी तक सूचित नहीं किया गया है कि वह परीक्षा (Examination) में योग्य है या नहीं।

उसने यह भी आरोप लगाया कि चूंकि उसे 2014 में अपनी स्थिति के बारे में पता नहीं था, इसलिए वह 2016 और 2020 में इसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकी, जिसके बाद उसकी आयु सीमा समाप्त हो गई।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने वित्तीय दंड (Financial Penalty) का आदेश देते हुए कहा, “प्रत्येक परीक्षार्थी को परीक्षा के परिणाम जानने का अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्य से इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि WBBPE का नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति ने किया था।”

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