EARTHQUAKE IN DELHI-NCR: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार रात करीब 11.40 बजे लोग आधी नींद में थे, जब अचानक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लोग थरथराहट के साथ उठे। पंखा और टेबल हिलते हुए देखा तो घबराहट के साथ घरों से बाहर निकलकर भागे। इससे पहले 11 जनवरी को NCR में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर दिल्ली-NCR में ही क्यों बार-बार भूकंप के झटके आ रहे हैं? लगातार आ रहे इन भूकंप के झटकों ने वैज्ञानिकों को अलर्ट कर दिया है।
बार-बार भूकंप आने के यह हैं प्रमुख कारण
भूकंप पर काम करने वाला नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में बार-बार भूकंप आने के कई कारण है। पहला तो NCR सिस्मिक जोन 4 में आता है। दरअसल, भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। सिस्मिक जोन 4 में ऐसे शहर आते हैं जहां रुक-रुकर भूकंप आते हैं और यहां लगातार भूकंप का खतरा बना रहता है।
इस जोन में बिहार-नेपाल बॉर्डर, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी गुजरात, जम्मू-कश्मीर, आदि के हिस्से शामिल हैं। सोमवार देर रात दिल्ली में जो भूकंप आया उसका केंद्र चीन-नेपाल बॉर्डर पर था। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.2 मापी गई है।
हिन्दुकुश यूरेशियन फ्लेटों में टकराव से आ रहे भूकंप
जानकारी के अनुसार फिलहाल हिन्दुकुश पर्वत पर यूरेशियन फ्लेटों में टकराव हो रहा है। दिल्ली हिमालय के पास है, यही कारण है कि यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।

हालांकि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के वैज्ञानिकों की मानें तो फिलहाल दिल्ली को किसी बड़े भूकंप का खतरा तो नहीं है। लेकिन जिस तरह यहां की भौगोलिक स्थिति और निर्माणकार्य हैं, अगर तीव्रता अधिक रही तो नुकसान होने का खतरा अधिक है।
कितनी तीव्रता का भूकंप है घातक
वैज्ञानिकों की कहना है कि जब कभी भूकंप की तीव्रता 5.0 रिएक्टर स्केल से अधिक होती है तो ऐसे में कमजोर इमारतों को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा 6.0 ऊपर तीव्रता जाने पर जानमाल का बड़े स्तर पर नुकसान होना संभव है। इसे काफी घातक मानते हैं। वहीं, 4.0 से 4.9 की बीच तीव्रता रहने पर लोगों को बेचैनी और झनझनाहट फील होती है।


