Homeझारखंडराहुल गांधी की तबीयत बिगड़ी, 'उलगुलान' रैली में नहीं हुए शामिल

राहुल गांधी की तबीयत बिगड़ी, ‘उलगुलान’ रैली में नहीं हुए शामिल

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Rahul Gandhi Absent in Ulgulan Rally:: रांची में रविवार को INDIA गठबंधन में शामिल दलों की संयुक्त रैली हो रही है। इसे ‘Ulgulan ‘ रैली का नाम दिया गया है। इसके मतलब को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया है।

दरअसल, उलगुलान जनजातीय भाषा-संस्कृति का शब्द है। ऐतिहासिक संदर्भों में इसका उपयोग आदिवासी अस्मिता एवं जल, जंगल, जमीन पर होने वाले हमलों के खिलाफ विद्रोह या क्रांति के लिए किया जाता रहा है।

चूंकि आदिवासी मूल रूप से प्रकृति पूजक होते हैं और जल, जंगल, जमीन प्रकृति के घटक हैं, इसलिए इससे जुड़े Ulgulan शब्द को भी इनकी संस्कृति में बेहद पवित्र माना जाता है।

स्वतंत्रता संग्राम के महान आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा ने 1899-1900 में अंग्रेजी हुकूमत और उनके द्वारा पोषित साहूकारों-सूदखोरों के अत्याचारों को आदिवासियों के स्वशासन-स्वराज और पहचान पर हमला बताते हुए उलगुलान का ऐलान किया था।

अब रैली के लिए उलगुलान शब्द के इस्तेमाल पर विवाद खड़ा हो गया है। रैली की मेजबानी कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की कोशिश है कि वह राज्य के पूर्व CM Hemant Soren की गिरफ्तारी को आदिवासी अस्मिता पर हमले के तौर पर प्रचारित करे और लोकसभा चुनाव में भावनात्मक मुद्दे के रूप में इसे भुनाए।

यही वजह है कि रैली के मुख्य मंच पर हेमंत सोरेन को जेल की सलाखों के भीतर दर्शाती एक बड़ी तस्वीर रखी गई है और जगह-जगह पर मोटे अक्षरों में उलगुलान शब्द लिखा गया है।

Hemant Soren की पत्नी और रैली की मुख्य मेजबान कल्पना सोरेन ने इस रैली को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, “यह देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए, संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता के लिए, अन्यायपूर्ण तरीके से जेल में बंद जननेताओं की रिहाई के लिए, जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए झारखंड और झारखंडियत की रक्षा के सवालों के लिए उलगुलान है।”

भाजपा ने रैली के लिए उलगुलान शब्द के इस्तेमाल पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है। झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, “आदिवासी समाज की जमीनों और उनके संसाधनों को लूटने और तबाह करने वाले उलगुलान जैसे पवित्र शब्द का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं? इंडी गठबंधन के साथियों को इतिहास में झांककर उलगुलान विद्रोह के बारे में पढ़ना चाहिए।”

BJP नेता ने आगे कहा कि उलगुलान विद्रोह मूल निवासियों के संसाधनों, उनकी जमीनों, उनके अधिकारों को जमीदारों और साहूकारों द्वारा छीने जाने के विरोध स्वरूप उत्पन्न हुआ था।

आज इंडी गठबंधन उन्हीं साहूकारों और जमीदारों की तरह आदिवासी समाज की जमीनों को हड़पकर Ulgulan जैसे शब्द का राजनीतिकरण कर जनता को बरगलाने का प्रयास कर रहा है।

BJP नेता ने इस रैली के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, “यह भ्रष्टाचारियों का भ्रष्टाचारियों के लिए भ्रष्टाचारियों द्वारा आयोजित किया जा रहा सम्मेलन है।”

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