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बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप जल्द BJP का थाम सकते हैं दामन, मनोज तिवारी के साथ…

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Manish Kashyap : बिहार (Bihar) के चर्चित और स्टार YouTuber मनीष कश्यप (Manish Kashyap) जल्द ही भारतीय BJP का दामन थाम सकते हैं।

वह BJP नेता मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) के साथ मनीष कश्यप Delhi पहुंच गए हैं।

बताया जा रहा है कि गुरुवार को उनकी मुलाकात दिल्ली में JP Nadda या अमित शाह (Amit Shah) से कराई जाएगी।

अभी पश्चिम चंपारण सीट पर निर्दलीय लड़ रहे चुनाव

पश्चिम चंपारण सीट (West Champaran Seat) पर BJP उम्मीदवार संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) को निर्दलीय चुनौती दे रहे मनीष कश्यप को पार्टी में कोई जिम्मेदारी या MLC का ऑफर दिए जाने की भी चर्चा है। मनोज तिवारी से बातचीत के बाद यह सहमति बन चुकी है।

इस तरह हुए थे चर्चित

बता दें कि तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कथित हिंसा (Violence) मामले में Fake Video बनाने को लेकर मनीष कश्यप देश भर में छा गए, जब उन्हें तमिलनाडु पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी।

लंबी मशक्कत के बाद मनीष कश्यप जेल (Jail) से बाहर आए।

तामिलनाडु केस में बेल मिलने के बाद भी उन्हें काफी दिनों तक पटना (Patna) के बेऊर जेल (Beur Jail) में रहना पड़ा।

मनीष कश्यप ने जेल से निकलने के बाद सदन में पहुंचकर बिहार (Bihar) और देश के लिए काम करने का ऐलान किया था।

उन्होंने कहा था कि किसी भी दल का टिकट मिले तो चुनाव लड़ेंगे।

किसी पार्टी से ऑफर नहीं मिलने पर वह 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में पश्चिमी चंपारण से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर YouTuber Manish Kashyap) चुनावी प्रचार (Election Campaign) कर रहे थे।

कश्यप संजय जायसवाल को कड़ी टक्कर देने के लिए दिन रात चुनाव प्रचार में लगे थे।

चर्चा है  कि मनीष कश्यप को मनाने के लिए BJP ने मनोज तिवारी को भेजा था।

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली में मनीष कश्यप बीजेपी का दामन थामेंगे।

संकट का सफर

बीते साल तामिलनाडु में बिहार और हिंदी भाषियों पर कथित हिंसा का Video बनाने और प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप को कठिन कानूनी संकट के दौर से गुजरना पड़ा।

एक आपराधिक मामले में उनके घर की कुर्की करा दी गई तो उन्होंने सरेंडर (Surrender) कर दिया।

बिहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।

तामिलनाडु पुलिस उन्हें अपने केस में मदुरै ले गई जहां कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा।

राहत के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन राहत नहीं मिली। जेल में रहते हुए उन्होंने अपना पॉलिटिकल लाइन तय कर लिया।

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