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साइबर अपराधियों के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय में जारी किया अलर्ट, अब…

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Cyber Crime Cases : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) द्वारा स्वयं को पुलिस अथवा अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताकर धमकी, Blackmail, जबरन वसूली और डिजिटल गिरफ्तारियों का दावा करने वालों को लेकर Alert जारी किया है।

मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि ऐसी कॉल आने पर तुरंत Cyber Crime हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर घटना की सूचना दें।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि साइबर अपराधियों द्वारा स्वयं को पुलिस अधिकारी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), नारकोटिक्स विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), प्रवर्तन निदेशालय और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां का अधिकारी बताकर धमकी, ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल गिरफ्तारियों के संबंध में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की जा रही हैं।

मंत्रालय के अनुसार धोखेबाज आमतौर पर पीड़ित को कॉल कर पार्सल भेजने की बात करते हैं या कहते हैं कि उनका अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कोई अन्य प्रतिबंधित वस्तु उनके पास है।

कभी-कभी, वे यह भी बताते हैं कि पीड़ित का कोई करीबी या प्रिय व्यक्ति किसी अपराध या दुर्घटना में शामिल पाया गया है और उनकी हिरासत में है।

ऐसे मामलों समझौता करने के एवज में पैसे की मांग की जाती है। कुछ मामलों में बिना सोचे-समझे पीड़ितों को Digital गिरफ्तारी से गुजरना पड़ता है और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे स्काइप या अन्य Video Conferencing Platform पर धोखेबाजों के लिए उपलब्ध रहते हैं।

जालसाज़ों को पुलिस स्टेशनों और सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर बनाए गए स्टूडियो का उपयोग करने और असली दिखने के लिए वर्दी पहनने के लिए जाना जाता है।

देश भर में, कई पीड़ितों ने ऐसे अपराधियों के कारण बड़ी मात्रा में पैसा गंवा दिया है। यह एक संगठित Online आर्थिक अपराध है और समझा जाता है कि इसे सीमा पार अपराध Syndicate द्वारा संचालित किया जाता है।

गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4सी), देश में साइबर अपराध (Cyber ​​Crimes) से निपटने से संबंधित गतिविधियों का समन्वय करता है।

गृह मंत्रालय इन धोखाधड़ी से निपटने के लिए अन्य मंत्रालयों और उनकी एजेंसियों, RBI और अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। I4 सी मामलों की पहचान और जांच के लिए राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों को इनपुट और तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रहा है।

I4सी ने Microsoft के सहयोग से ऐसी गतिविधियों में शामिल 1,000 से अधिक स्काइप ID को भी ब्लॉक कर दिया है। यह ऐसे धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिम कार्ड, मोबाइल उपकरणों और म्यूल खातों को ब्लॉक करने की सुविधा भी दे रहा है।

I4सी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Cyberhost’ जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य पर Infographics और वीडियो के माध्यम से विभिन्न अलर्ट भी जारी किए हैं।

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