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रोका जा सकता है तंबाकू से होने वाले 60% कैंसर को, दिनचर्या में बदलाव जरूरी, रिम्स निदेशक ने…

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RIMS Director Prof. (Dr.) Rajkumar: RIMS के ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) में शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि RIMS के निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार ने कहा कि तम्बाकू से होने वाले 60 प्रतिशत कैंसर को रोका जा सकता है।

इसके लिए दिनचर्या में चार महत्वपूर्ण बदलाव लाने की आवश्यकता है। पहला नियमित व्यायाम, दूसरा अच्छा खानपान और तीसरा वजन प्रबंधन और चौथा तम्बाकू के सेवन से बचना।

निदेशक ने कहा कि युवा पीढ़ी (Young Generation) को तंबाकू और शराब जैसी बुराइयों की ओर आकर्षित करना इसलिए आसान है क्योंकि, बुराइयां चुंबक की तरह होती हैं।

इसकी तरफ जल्द आकर्षण हो जाता है जबकि अच्छी चीजों से विकर्षण होता है। बुरी चीजें जल्दी परिणाम देती हैं जबकि अच्छी चीजों के परिणाम में समय लगता है लेकिन जब यह परिणाम आता है तो वह बहुत ही सुखद होता है।

उन्होंने कहा कि तम्बाकू कंपनियां अपनी आय को बनाये रखने के लिए युवा पीढ़ी को इस ओर लगातार धकेल रहीं हैं। इसलिए जरूरी है कि आज की पीढ़ी रास्ता सही से चुने और किस रास्ते पर जाना है इसका चिंतन करे।

राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवा (Health Care) के निदेशक प्रमुख डॉ सीके शाही ने कहा कि बच्चे क्षणिक आनंद वाली चीजों में उलझ जाते हैं, जिससे कार्डियोवैस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि समाज को तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने और उसकी भयावहता को समझने की जरूरत है।

रिम्स के डीन प्रो (डॉ) विद्यापति, ने कहा कि तम्बाकू मुंह के कैंसर का मुख्य कारण है। बिहार, झारखंड में लोग खैनी का सेवन बिना रोक-टोक के करते हैं।

क्योंकि, उसमें सिगेरट के पैकेट की तरह कोई चेतावनी भी नहीं होती है और जब मुंह का कैंसर हो जाता है तब उन्हें खैनी जैसे तम्बाकू के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी मिलती है।

इसलिए जरूरी है कि न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में, बल्कि गांव और देहातों में लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के विषय में जागरूक करें।

रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि नयी पीढ़ी तम्बाकू कंपनियों के लिए आसान टारगेट है। इसलिए तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभाओं के विषय में जानकारी देना और नियमों का सही से कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।

RIMS के ओरल पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और फॉरेंसिक ओडोन्टोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) नरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि सरोगेट विज्ञापन पर रोक लगनी चाहिए। अभिनेता, खिलाड़ी और अन्य जिन्हें प्रेरणास्रोत माना जाता है उन्हें इस तरह के उत्पादों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और इनकी निंदा करनी चाहिए।

कार्यक्रम में Medical और डेंटल के छात्रों ने एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के उद्घाटन से पूर्व RIMS चिकित्सा अधीक्षक के कार्यलय से Trauma Center तक रैली का भी आयोजन किया गया। रैली में नारों के साथ लोगों को तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों के विषय में जानकारी दी गयी। इस दौरान कई डाक्टर और छात्र मौजूद रहे।

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