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देश के लिए नहीं, यह नीतीश और चंद्रबाबू को साथ रखने के लिए ‘कुर्सी बचाओ’ बजट

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Trinamool Congress MP Kalyan Banerjee said on the Union Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को दिए गए विशेष पैकेज पर विपक्ष हमलावर हो गया है। केंद्रीय बजट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने कहा कि यह ‘कुर्सी बचाओ’ बजट है।

उन्होंने कहा कि ये बजट NDA के नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को साथ रखने के लिए है, ये बजट देश के लिए नहीं है। इसमें बंगाल के लिए कुछ नहीं है, इनको बंगाल से कोई लेना देना नहीं है। बंगाल से इनका सफाया हो जाएगा।

केंद्रीय बजट को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा।

उन्होंने कहा, “अगर हम उत्तर प्रदेश (UP) को देखें तो निवेश की क्या स्थिति है? जो परियोजनाएं वे चला रहे हैं, वे कभी समय पर पूरी नहीं होतीं। यह अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है, लेकिन क्या उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के किसानों के लिए बजट में कुछ है जो प्रधानमंत्री देते हैं?”

वहीं, केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ होना चाहिए था, बजट में कुछ भी नहीं है, रसोई का ख्याल नहीं रखा गया है। सरकार महंगाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाना चाहती।”

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।

सीतारमण ने बिहार को अतिरिक्त आर्थिक मदद देने को लेकर कहा, “बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी।” इसके अलावा और भी योजनाएं बिहार को दी गई हैं।

उधर आंध्र प्रदेश को लेकर वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्वित्त अधिनियम की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की है। राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम बहु-कार्यात्मक पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से विशेष वित्तीय संस्थान की बात कर रहे हैं। हम सहायता सुविधा दे रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी और भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि दी जाएगी।”

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