देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने पर विचार कर रही केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट में…

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Uniform Civil Code
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Uniform Civil Code : गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार (Central government) ने कहा कि वह देशभर में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने पर विचार कर रही है। इस विषय में संसद जल्द ही फैसला लेगी।

सरकार ने मुस्लिम को भी भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के दायरे में लाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को यह जानकारी दी।

एएसजी ने कोर्ट में दी जानकारी

मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्य भाटी ने यह जानकारी दी। उन्होंने पीठ से कहा कि UCC को लागू करने के बारे में अभी विधायी निर्णय नहीं लिया गया है।

इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने ASG से कहा कि इस बारे में समुचित जवाब दाखिल करें। हमने पहले ही नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा, हमें याचिका पर आगे विचार करने की जरूरत है।

कानून में स्पष्ट शून्यता

सफिया की ओर से दाखिल याचिका में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-58 को चुनौती दी गई है। याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई है कि जन्मजात लेकिन गैर-आस्तिक मुस्लिम के पास मुस्लिम पर्सनल लॉ आवेदन अधिनियम, 1937 के तहत निर्धारित प्राधिकारी से यह घोषणा करने का विकल्प है कि वे अब शरिया कानून द्वारा शासित नहीं हो सकते हैं।

याचिकाकर्ता साफिया ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 या 3 में सूचीबद्ध किसी भी मामले के लिए वह मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal law) द्वारा शासित नहीं होगी।

लेकिन अधिनियम या नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत वह ऐसा प्रमाणपत्र प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि यह कानून में एक स्पष्ट शून्यता है जिसे न्यायिक व्याख्या द्वारा दूर किया जा सकता है।