Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में ईस्टर के अवसर पर अस्थायी युद्धविराम की घोषणा की है। यह युद्धविराम शनिवार को रात 8:30 बजे (IST, मॉस्को समयानुसार शाम 6:00 बजे) से शुरू होकर रविवार, 20 अप्रैल 2025 की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा। पुतिन ने इस फैसले को मानवीय आधार पर लिया गया बताते हुए कहा कि यह ईस्टर त्योहार के दौरान शांति और राहत के प्रयासों का हिस्सा है।
पुतिन का बयान
क्रेमलिन में सेना प्रमुख वैलेरी गेरासिमोव के साथ बैठक में पुतिन ने कहा, “मानवीय आधार पर, रूस आज शाम 6:00 बजे से रविवार मध्यरात्रि तक ईस्टर युद्धविराम की घोषणा करता है। मैं इस अवधि के दौरान सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने का आदेश देता हूं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यूक्रेन भी इस युद्धविराम का पालन करेगा और शांति का रास्ता अपनाएगा। हालांकि, पुतिन ने गेरासिमोव को निर्देश दिया कि अगर यूक्रेन युद्धविराम का उल्लंघन करता है, तो रूसी सेना किसी भी उकसावे या आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहे।
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका, चीन और BRICS देशों के शांति प्रयासों का स्वागत करता है, लेकिन युद्धविराम का पालन “पारस्परिक सम्मान” पर निर्भर है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने युद्धविराम की घोषणा के तुरंत बाद रूसी ड्रोनों के हमले का दावा करते हुए इसे खारिज कर दिया। जेलेंस्की ने कहा, “हमारे आसमान में शाहेद ड्रोन पुतिन के ईस्टर और मानव जीवन के प्रति असली रवैये को दर्शाते हैं।” उन्होंने पुतिन पर “मानव जीवन के साथ खिलवाड़” करने का आरोप लगाया।
आप मूर्ख हैं और हम हट जाएंगे
पुतिन का यह ऐलान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि अगर शांति वार्ता में जल्द प्रगति नहीं हुई, तो अमेरिका “वार्ता से हट जाएगा।” उन्होंने कहा, “हम लोगों की मौत की बात कर रहे हैं। हम इसे रोकना चाहते हैं। अगर कोई पक्ष इसे मुश्किल बनाता है, तो हम कहेंगे कि आप मूर्ख हैं और हम हट जाएंगे।”
पहले भी ट्रंप प्रशासन ने 30 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन पुतिन ने कई शर्तें रखकर इसे जटिल बना दिया था। इन शर्तों में यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना, क्रीमिया और चार दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों पर रूस का दावा स्वीकार करना और यूक्रेन की सेना को सीमित करना शामिल था।