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अमित शाह ने किया बटद्रवा थान सौंदर्यवर्धन प्रकल्प के कार्य का शुभारंभ, असम को बाढ़ मुक्त व घुसपैठ मुक्त बनाने का किया वादा

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नगांव (असम): श्रीमंत शंकरदेव के प्रति आज हम यहां पर श्रद्धा व्यक्त करने आए हैं। मेरे लिए यह बहुत सौभाग्य का दिन है।

मैं भारत के पश्चिमी क्षेत्र गुजरात से आया हूं। वहां पर भी श्रीकृष्ण और वैष्णव परंपरा का बहुत प्रचार-प्रसार हुआ है। जबकि पूर्व क्षेत्र असम में श्रीमंत शंकरदेव ने नव वैष्णव परंपरा को प्राण दिया था।

यहां से ही नव वैष्णव परंपरा की नई शुरुआत श्रीमंत शंकरदेव और माधव देव ने किया था। मैं इन दोनों महानुभाव को प्रणाम कर आशीर्वाद लेना चाहता हूं।

ये बातें गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगांव जिला के बटद्रवा में सौंदर्यवर्धन के लिए बनने वाले प्रकल्प का शुभारंभ करने के अवसर पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बताया कि असम सरकार द्वारा 180 करोड़ रुपये की लागत से श्रीमंत शंकरदेव के जन्म स्थान की कला, संस्कृति, विचारों को सहेजने और उसके सौंदर्यवर्धन के लिए बनने वाले प्रकल्प का शुभारंभ किया है।

यहां पर विभिन्न प्रकार के प्रकल्प बनाए जाएंगे जिसमें खेलकूद, धार्मिक स्थल, कीर्तन घर, पर्यटकों के रहने के लिए आवास आदि का निर्माण किया जाएगा।

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम सरकार के प्रयासों से श्रीमंत शंकरदेव के भक्ति आंदोलन को असम ही नहीं देश और विदेशों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

बटद्रवा थान (मंदिर) श्रीमंत शंकरदेव की पवित्र जन्मभूमि है। यहां पर उन्होंने मानव स्वरूप लेकर न केवल असम बल्कि पूरे भारतवर्ष को भक्ति आंदोलन के साथ जोड़ने का काम किया।

उन्होंने भक्ति आंदोलन को तो खड़ा किया ही इसके साथ भारत की एकता के लिए भी कई सारे काम किए। जब श्रीमंत शंकरदेव का को याद करते हैं तब मालूम पड़ता है कि भारत माता के प्रति उनका कितना बड़ा लगाव था।

उन्होंने अपनी एक रचना में कहा है कि कोटि-कोटि जन्मांतर के पुण्य के बाद मनुष्य का भारत भूमि जैसे महान क्षेत्र में जन्म होता है।

मुख्यमंत्री सोनोवाल 180 करोड़ रुपये की लागत से बनवा रहे हैं महान स्मारक-

शाह ने कहा कि आजादी के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि यहां पर 500 साल पहले महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव ने जन्म लिया था।

जिन्होंने असम में राम राज्य की स्थापना का उद्देश्य स्थापित किया था। आज मुझे बहुत आनंद है कि अपने बजट में असम के वित्त मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 180 करोड़ रुपये की लागत से एक महान स्मारक बनाने का प्रावधान किया है।

मैं इन दोनों नेताओं को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि 500 साल हो गये और इस स्थान के विकास के लिए किसी ने कोई काम नहीं किया। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने इस स्थान को पुनर्जीवित करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन, कभी भी श्रीमंत शंकरदेव की भूमि के विकास के लिए कोई काम नहीं किया।

लेकिन जनता ने पांच साल पहले भाजपा को सत्ता सौंपी तो हमारे दोनों नेताओं ने सैकड़ों सालों तक श्रीमंत शंकरदेव के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यह भूमि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भी भूमि है। अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने असम की अस्मिता के लिए अपनी जान दे दी।

इस मौके पर उन्होंने असम के दो भारत रत्न डॉ भूपेन हजारिका और लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोपीनाथ बरदलै के चलते ही असम भारत का हिस्सा बन पाया।

स्वर्ण पदक विजेता हिमा दास का नाम लेते हुए कहा कि असम ने देश को बहुत कुछ दिया है। इसमें गायक, धर्म और खिलाड़ियों से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शामिल हैं।

8000 नामघरों को दी आर्थिक सहायता देने का किया उल्लेख-

असम सरकार द्वारा 8000 नामघरों (मंदिर) को ढाई-ढाई लाख रुपये दिये जाने की योजना का जिक्र करते हुआ शाह ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सरकार 25 हजार नामघरों को आर्थिक सहायता देकर इस परंपरा को लंबे समय तक स्थापित करने का कार्य करे।

कहाकि असम को आंदोलन, हिंसा के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज असम के गौरव को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कुछ करना चाहिए वह सब कुछ किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को पद्म भूषण दिए जाने की बात का भी उन्होंने जिक्र किया। मोदी सरकार ने असम की भाषा, संस्कृति समेत सभी क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया है।

असम को भ्रष्टाचार मुक्त, आंदोलन मुक्त, हिंसा मुक्त, घुसपैठिया मुक्त बनाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। शांति समझौता कर राज्य में शांति स्थापित करने का काम किया है।

1000 से अधिक उग्रवादी हाल ही में हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटे हैं। यह असम के विकास की नई कहानी है।

शाह बोले, प्रधानमंत्री मोदी ने पांच में 35 बार असम का किया है दौरा-

पांच साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 35 बार असम का दौरा कर यहां के विकास के लिए काम किया है। पहले की सरकारों में चुनाव के दौरान ही मंत्री और नेता दिखाई देते थे।

केंद्रीय गृहमंत्री ने असम आंदोलन की याद दिलाते हुए आसू के नेतृत्व में गठित पार्टी राजा दल की कड़े शब्दों में निंदा की।

उन्होंने कहा कि असम आंदोलन के दौरान राज्य वासियों की हत्या करने वाली कांग्रेस के साथ उन्होंने हाथ मिला लिया है।

यह भाजपा के वोट काटने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन राज्य की जनता भली-भांति जानती है। उनके इस प्रयास को समर्थन नहीं मिलने वाला है।

कांग्रेस के शासनकाल में असम के गौरव गैंडों की घुसपैठिए हत्या करते थे, लेकिन आज इस पर पूरी तरह से लगाम लग गई है।

एआईयूडीएफ के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल का नाम लेते हुए कहा कि इनके साथ बैठने वाले लोग कभी भी असम को बचा नहीं सकते।

गैंडों की सुरक्षा नहीं कर सकते। बदरुद्दीन अजमल का बार-बार नाम लेकर बेहद तल्ख लहजे में उन्होंने घुसपैठ की आलोचना की।

असम को पांच साल में किया जाएगा बाढ़ मुक्त, मोदी सरकार कर रही तैयारी-

अमित शाह ने कहा कि असम को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए मोदी सरकार काम करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए चर्चाएं शुरू की गयी हैं।

बाढ़ से असम के लाखों करोड़ों लोगों को समस्या उठानी पड़ती है। उन्होंने भाजपा की सरकार बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि अगले पांच सालों में असम को बाढ़ मुक्त बनाया जाएगा।

मोदी सरकार ने पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए विकास यात्रा शुरू की है। सिर्फ असम में ही 20 हजार किमी की सड़कों का निर्माण किया गया है। अब तक रिफाइनरी, पुल समेत विभिन्न प्रकल्पों का निर्माण कार्य किया गया है।

उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस ने 15 साल तक मनमोहन सिंह को यहां चुनते रहे। राज्य में कांग्रेस की 15 साल सरकार रही।

ऐसे में कांग्रेस बताए कि असम के लिए क्या किया। इसका उत्तर हमारा युवा मोर्चा का नेता ही दे देगा कि कांग्रेस के 70 साल और हमारे सात साल में क्या हुआ है।

चाय बागान की भी चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दो हजार करोड़ रुपये की योजना लेकर आई है। राज्य के अन्य बुनियादी ढांचों का उन्होंने जिक्र करते हुए असम में विकास के आयामों को एक-एक कर गिनाया।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, असम सरकार के वित्त आदि मामलों के मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा, मंत्री अतुल बोरा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास, मंत्री केशव महंत, मंत्री पीयूष हजारिका, वैजयंत जय पांडा, सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, सांसद क्वीन ओझा, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहाईं, विधायक रूपक शर्मा, अंगुरलता डेका समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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