Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) कांके की छात्रा से गैंगरेप के मामले में सजायाफ्ता राजन उरांव की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। राजन ने खुद को नाबालिग बताते हुए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत राहत की मांग की है।
सुनवाई के दौरान राजन की ओर से दलील दी गई कि 26 नवंबर 2019 को घटना के समय उसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी, इसलिए उसे जुवेनाइल जस्टिस प्रोटेक्शन एक्ट का लाभ मिलना चाहिए।
वहीं, सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि राजन ने छह साल बाद क्रिमिनल अपील में नाबालिग होने का मुद्दा उठाया है। उसने अनुसंधान के दौरान इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी।
घटना के इतने समय बाद उसके मानसिक स्थिति का आकलन करना संभव नहीं है, इसलिए उसे कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए।
क्या है मामला
26 नवंबर 2019 को कांके के संग्रामपुर इलाके में NLU की एक छात्रा के साथ 12 लोगों, जिनमें एक किशोर शामिल था, ने गैंगरेप किया था।
छात्रा कॉलेज से 2.5 किमी दूर एक शेड के नीचे अपने दोस्त से बात कर रही थी, तभी बाइक और कार सवार नौ युवकों ने उसे जबरन कार में बैठाने की कोशिश की।
छात्रा के दोस्त के साथ मारपीट के बाद आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। रांची की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी