Operation sindoor:‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय सहित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिसने आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार और संगठन को भारी नुकसान पहुंचाया।
22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले (26 मृत) के जवाब में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने 100 किलोमीटर अंदर तक हमले किए, जिसमें अजहर के 10 परिवार वालों और चार करीबी सहयोगियों की मौत हुई।
जैश ने इसकी पुष्टि की, और अजहर ने शोक जताते हुए कहा, “काश मैं भी मर जाता।” हमले में JeM की मस्जिद-आधारित कमांड सेंटर, जमिया मस्जिद सुबहान अल्लाह, भी तबाह हो गया।
ऑपरेशन सिंदूर, बहावलपुर में तबाही
‘ऑपरेशन सिंदूर’ रात 1:05 से 1:30 बजे तक 25 मिनट में पूरा हुआ, जिसमें राफेल जेट्स ने SCALP और HAMMER मिसाइलों का उपयोग किया। बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, JeM का 18 एकड़ का मुख्यालय, प्रमुख लक्ष्य था।
यह भर्ती, फंडिंग, और आतंकी प्रशिक्षण का केंद्र था। BBC वेरिफाई के वीडियो फुटेज से पुष्टि हुई कि मस्जिद का गुंबद ढह गया, छत में दो छेद, और जमीन में एक गड्ढा हो गया। सैटेलाइट इमेज (मैक्सर टेक्नोलॉजीज) में मलबे और व्यापक क्षति दिखाई दी।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने ब्रीफिंग में कहा, “90 से अधिक आतंकी मारे गए, और कोई नागरिक या सैन्य ठिकाना निशाने पर नहीं था।”
मसूद अजहर का परिवार उजड़ा
जैश-ए-मोहम्मद ने बयान जारी कर पुष्टि की कि बहावलपुर हमले में मसूद अजहर के 10 परिवार वालों और चार सहयोगियों की मौत हुई।
मारे गए लोगों में ये हैं शामिल
अजहर की बड़ी बहन और उनके पति।
भतीजा और उसकी पत्नी।
भतीजी।
परिवार के पांच बच्चे।
एक करीबी सहयोगी और उसकी मां, और दो अन्य सहयोगी।
अजहर ने कहा, “मेरे 10 परिवार वाले इस रात एक साथ शहीद हुए… पांच मासूम बच्चे, मेरी बड़ी बहन, उनका सम्मानित पति, मेरा विद्वान भतीजा और उसकी पत्नी, मेरी प्रिय भतीजी।”
उसने दावा किया कि मरने वाले “अल्लाह के मेहमान” बन गए। मृतकों को 7 मई को ही दफनाया गया। कुछ X पोस्ट्स में अजहर की मौत की अफवाहें थीं, लेकिन जैश के बयान और सूत्रों ने पुष्टि की कि वह जीवित है।
मस्जिद के तबाही की हुई पुष्टि
मरकज सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है, JeM का केंद्रीय कमांड सेंटर था। 600 से अधिक प्रशिक्षुओं के लिए मदरसा, स्विमिंग पूल, जिम, और घोड़ों के लिए अस्तबल वाला यह परिसर 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, और 2019 के पुलवामा हमले की साजिश का केंद्र रहा।
भारत ने इसे आतंकी गतिविधियों का अड्डा बताते हुए न officaly targeted it. BBC वेरिफाई और मैक्सर की इमेजरी ने मस्जिद की तबाही की पुष्टि की, जिसमें गुंबद, छत, और जमीन में छेद दिखे।
पाकिस्तानी गोलाबारी में 15 भारतीय नागरिक मारे गए
पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने हमले को “नागरिक क्षेत्रों” पर हमला बताया और 26 नागरिकों की मौत का दावा किया, जिसमें दो बच्चे शामिल थे।
भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि केवल आतंकी ठिकाने निशाने पर थे। 6-8 मई को पुंछ, कुपवाड़ा, बारामुला, और अखनूर में पाकिस्तानी गोलाबारी में 15 भारतीय नागरिक मारे गए, जिनमें सिख समुदाय के चार लोग शामिल थे।
मसूद अजहर का इतिहास
मसूद अजहर, 1968 में बहावलपुर में जन्मा, 1994 में भारत में गिरफ्तार हुआ था और 1999 में IC-814 अपहरण के बाद रिहा हुआ। उसने JeM की स्थापना की, जो 2001 संसद, 2016 पठानकोट, और 2019 पुलवामा हमलों के लिए जिम्मेदार है।
वह UN-नामित वैश्विक आतंकी है और पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में रहता है। ऑपरेशन सिंदूर ने उसके संगठन को अभूतपूर्व झटका दिया।


