India’s Operation Sindoor: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाकिस्तान ने गुरुवार रात लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300-400 तुर्की निर्मित ड्रोन्स और मिसाइलों के जरिए भारत की वायुसीमा में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की।
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ और इंटीग्रेटेड काउंटर UAS ग्रिड, ने अभूतपूर्व सतर्कता दिखाते हुए इन हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया। शुक्रवार शाम को विदेश मंत्रालय ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी, और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान की नापाक साजिशों का पर्दाफाश किया। यह तनाव के बीच मंत्रालय की लगातार तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी।
भारतीय सेना ने खुलासा किया कि पाकिस्तान इन ड्रोन्स के जरिए वायुसेना की टोह लेना और खुफिया जानकारी जुटाना चाहता था।
जवाबी कार्रवाई में भारत ने चार ड्रोन्स के जरिए लाहौर में पाकिस्तान की एयर डिफेंस रडार प्रणाली को नेस्तनाबूद कर दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ।
इसके अलावा, पाकिस्तान ने नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया और पुंछ में गुरुद्वारे सहित धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर भारत पर दोष मढ़ने की साजिश रची।
जानें प्रेस ब्रीफिंग की जरूरी बातें
कर्नल सोफिया कुरैशी ने ब्रीफिंग की शुरुआत करते हुए बताया कि 8-9 मई 2025 की मध्यरात्रि को पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर 36 स्थानों-लेह, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, अदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई, और भुज-पर 300-400 तुर्की निर्मित ड्रोन्स और मिसाइलों के जरिए सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की।
भारतीय सशस्त्र बलों ने इनमें से कई ड्रोन्स को मार गिराया, जबकि कुछ UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स) को निष्क्रिय किया गया।
कुरैशी ने बताया कि इन ड्रोन्स का मकसद खुफिया जानकारी जुटाना और भारत की वायु रक्षा प्रणालियों की क्षमता का आकलन करना था।
प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि ये सभी तुर्की निर्मित ड्रोन थे, जिनकी गहन जांच जारी है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने चार ड्रोन्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के भटिंडा एयर बेस पर हमला किया, जिसने एयर डिफेंस रडार को पूरी तरह तबाह कर दिया। LoC पर तंगधार, उरी, पुंछ, राजौरी, अखनूर, और उधमपुर में भारी गोलाबारी हुई, जिसमें कुछ भारतीय जवान घायल हुए।
पाकिस्तानी सेना को भी इस जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान उठाना पड़ा।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि 7 मई को रात 8:30 बजे पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए, लेकिन अपने हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया। इसके बजाय, कराची और लाहौर जैसे शहरों में नागरिक उड़ानें-जिनमें अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शामिल थीं-जारी रहीं, जिसे ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया। पंजाब सेक्टर में भारत ने हाई एयर डिफेंस अलर्ट के दौरान अपना हवाई क्षेत्र नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया।
भारतीय वायुसेना ने संयम बरतते हुए अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों का पालन किया और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाइयों की निंदा की। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने भारतीय शहरों, नागरिक बुनियादी ढांचे, और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
विशेष रूप से, पुंछ में गुरुद्वारे पर हमला किया गया, जिसमें कुछ सिख समुदाय के सदस्यों की मौत हुई। मिसरी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान इन हमलों की जिम्मेदारी लेने के बजाय भारत पर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का झूठा आरोप लगा रहा है।
उन्होंने ननकाना साहिब पर कथित ड्रोन हमले के पाकिस्तानी दावों को बेबुनियाद और धार्मिक रंग देने की साजिश करार दिया। मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान का यह दावा कि भारत अपने ही शहरों पर हमला कर रहा है, पूरी तरह काल्पनिक है। यह उनकी नैतिक और कूटनीतिक हार को दर्शाता है।”


