Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य टकराव रोकने की सहमति के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्देश दिया है कि पाकिस्तान की हर उकसावे की कार्रवाई का और सख्ती से जवाब दिया जाए। सरकारी सूत्रों ने रविवार को बताया, “पाकिस्तान की गोली का जवाब गोला होगा।
ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख अब और कठोर रहेगा।”
भारत का स्पष्ट रुख
सूत्रों ने कहा कि भारत कश्मीर पर किसी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। चर्चा का एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) की वापसी है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के चलते सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।
बातचीत केवल DGMO स्तर पर होगी, और आतंकवादियों की सुपुर्दगी या PoK के अलावा कोई अन्य विषय नहीं उठेगा।
7 मई और उसके बाद की कार्रवाई
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले (26 नागरिक मरे) के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। भारतीय DGMO ने पाकिस्तानी DGMO को सूचित किया कि हमले भारत ने किए और बातचीत का विकल्प खुला है।
पाकिस्तान ने जवाब में 8 मई से ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू किए। 10 मई को भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 8 एयरबेस नष्ट किए, जिसके बाद पाकिस्तानी DGMO ने सीजफायर की गुहार लगाई।
सीजफायर या ‘समझ’?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 10 मई को घोषणा की कि दोनों देश जमीन, हवा और समुद्र पर गोलीबारी रोकने के लिए सहमत हुए। भारत ने ‘सीजफायर’ के बजाय ‘समझ’ शब्द का इस्तेमाल किया, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर जारी है।
सूत्रों ने कहा, “यह नया सामान्य है। पाकिस्तान को आतंकवाद की भारी कीमत चुकानी होगी।”
अमेरिकी दावे और भारत का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने X पर दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से “पूर्ण सीजफायर” हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी तटस्थ स्थल पर बातचीत का जिक्र किया।
भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह DGMO स्तर की द्विपक्षीय समझ थी। सूत्रों ने स्पष्ट किया, “हमें किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं। पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई कार्रवाई 40 साल के आतंकवाद का जवाब है।”


