Jharkhand News: कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को मंगलवार को ACB की विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दोनों को विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजा गया।
अगली सुनवाई 3 जून 2025 को होगी। ACB ने गिरफ्तारी से पहले 6 घंटे की गहन पूछताछ की और मेडिकल जांच के बाद कड़ी सुरक्षा में दोनों को कोर्ट लाया गया।
छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ साजिश, नकली होलोग्राम से करोड़ों की चपत
झारखंड में 31 मार्च 2022 से लागू नई उत्पाद नीति के तहत शराब घोटाले के आरोप हैं। ACB का दावा है कि तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे और गजेंद्र सिंह ने छत्तीसगढ़ के अधिकारियों-अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, और अनवर ढेबर-के साथ रायपुर में जनवरी 2022 में बैठक कर नीति बदलने की साजिश रची।
नई नीति में छत्तीसगढ़ की कंपनियों-इशिता, ओमसाई, और प्रिज्म-को ठेके दिए गए, जिन्होंने नकली होलोग्राम और अवैध शराब सप्लाई कर सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
ED और छत्तीसगढ़ EOW की जांच से खुला घोटाला, iPhone तक जब्त
छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने सितंबर 2024 में रांची के अरगोड़ा निवासी विकास सिंह की शिकायत पर FIR (36/2024) दर्ज की थी। इसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ECIR दर्ज किया और विनय चौबे, गजेंद्र सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने उनके iPhone, लैपटॉप, और दस्तावेज जब्त किए।
छत्तीसगढ़ EOW ने मार क्षेत्रीय स्तर पर जांच पूरी कर झारखंड सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील एस. नागामुथू की कानूनी राय के बाद ACB ने नियमित FIR दर्ज की और गिरफ्तारी की।