HomeUncategorizedनीरव मोदी को भारत लाना कितना आसान, भगोड़े के पास अब कितने...

नीरव मोदी को भारत लाना कितना आसान, भगोड़े के पास अब कितने विकल्प

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में भारतीय अधिकारियों को ब्रिटेन की अदालत में बड़ी जीत मिली है।

नीरव मोदी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना केस हार गया है। इसके बाद भारत ने कहा है कि नीरव मोदी के मामले में ब्रिटेन के कोर्ट के फैसले के बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए जल्द संपर्क किया जाएगा।

फिलहाल अदालत ने मामला वहां के होम सेक्रेटरी के पास भेजा है। उनके अप्रूवल पर आगे की स्थिति निर्भर करेगी। फिलहाल इसके लिए दो महीने का वक्त मिल सकता है।

विदेश मंत्रालय ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले में भारत में वांछित है।

सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था।

प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि 20 मार्च, 2019 को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में वरिष्ठ जिला न्यायाधीश के समक्ष नीरव को गिरफ्तार किया गया था।

तब से उन्हें न्यायिक हिरासत में रहते हुए प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस मामले में अंतिम सुनवाई 7-8 जनवरी 2021 को हुई थी।

प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रवक्ता ने आदेश का हवाला देते हुए बताया कि न्यायाधीश ने कहा है कि नीरव मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने यूके के गृह सचिव को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की सिफारिश की है, इसलिए भारत सरकार प्रत्यर्पण के लिए यूके अधिकारियों के साथ संपर्क करेगी।

नीरव मोदी लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। लंदन कोर्ट में जज सेमुअल गूजी के फैसले के बाद मामला अब ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के पास जाएगा। प्रत्यर्पण को लेकर कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्री प्रीति पटेल आखिरी मोहर लगाएंगी।

इसके बाद भारत के इस वांटेड भगोड़े को मुंबई जेल लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि, उसके तुरंत भारत आने की संभावना कम है। कोर्ट के फैसले के बाद नीरव मोदी के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प होगा।

फैसले के खिलाफ वह हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। नीरव के पास अपील के लिए 28 दिनों का वक्त है। हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद वह मानवाधिकार कोर्ट जा सकता है।

इसके अलावा उसके पास मानवाधिकारों की बात करते हुए यूरोपीय अदालत में जाने का विकल्प होगा। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी की।

यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई। उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज ‍किए हैं।

इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं। हीरा कारोबार से पहचान बनाने वाला नीरव मोदी मूल रूप से गुजरात के रहने वाला है।

उसके पिता हीरे के व्यापार से जुड़े थे और इसे ही नीरव मोदी ने आगे बढ़ाया। नीरव तब खासे चर्चा में आया, जब 2010 में नीलामी में नीरव मोदी की कंपनी फायर स्टार डायमंड का गोलकुंडा नेकलेस 16.29 करोड़ रुपये में बिका।

2016 की फोर्ब्स की सूची के अनुसार, 11, 237 करोड़ की संपत्ति के मालिक नीरव देश के सबसे रईस लोगों की सूची में 46वें स्थान पर था।

spot_img

Latest articles

रांची को अतिक्रमण-मुक्त और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम की दो अहम बैठकों में बड़े निर्देश

Important meetings of the Municipal Corporation: रांची नगर निगम में शुक्रवार को शहर की...

इंडिगो संकट पर DGCA सख्त: CEO पीटर एल्बर्स दोबारा पूछताछ में हुए शामिल

DGCA Cracks down on IndiGo crisis : देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस कंपनियों...

खबरें और भी हैं...