Protest march against the fake encounter: रांची में शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने गोड्डा में आदिवासी नेता सूर्या नारायण हांसदा के कथित फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter) के खिलाफ राजभवन तक आक्रोश मार्च (Protest March) निकाला।
प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI Investigation) से कराने की मांग की। जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, सूर्या के लिए न्याय (Justice) की गुहार लगाते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
फर्जी एनकाउंटर का आरोप
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव महादेव टोप्पो ने कहा, “गोड्डा में सूर्या नारायण हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है। यह एक सुनियोजित हत्या (Planned Murder) है।”
उन्होंने गोड्डा पुलिस प्रशासन पर संदिग्ध परिस्थितियों में सूर्या की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा झारखंड इस अन्याय के खिलाफ आक्रोशित है। टोप्पो ने CBI जांच की मांग को दोहराया ताकि सच सामने आए।
सूर्या: आदिवासी हितों की आवाज
मार्च के मुख्य संयोजक और मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि सूर्या हांसदा हमेशा आदिवासी समाज के हक, शिक्षा, भूमि सुरक्षा (Land Rights), और युवाओं के भविष्य के लिए लड़ते थे। उन्होंने सरकार, मिशनरी संस्थाओं, और जमीन माफियाओं (Land Mafia) के गैरकानूनी कार्यों का पुरजोर विरोध किया।
सूर्या की छवि एक स्वच्छ और जननायक (People’s Leader) की थी, लेकिन प्रभावशाली लोग उनके जन समर्थन से डरने लगे थे। जगलाल ने आरोप लगाया, “प्रशासन और कुछ ताकतवर लोगों की साजिश के तहत सूर्या को फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया।”
लोकतंत्र और मानवाधिकार पर हमला
ट्राई फर्स्ट की संयोजक आरती कूजूर ने कहा, “सूर्या की हत्या न केवल मानवाधिकार (Human Rights) का उल्लंघन है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों (Democratic Values) और आदिवासी संस्कृति पर गहरा प्रहार है।” उन्होंने पूरे आदिवासी और झारखंडी समाज की ओर से इस फर्जी एनकाउंटर का विरोध जताया और त्वरित न्याय की मांग की।
आदिवासी समाज की एकजुट मांग
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा, “सूर्या हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है। यह केवल एक व्यक्ति या परिवार का मामला नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के सम्मान, अधिकार, और न्याय (Justice for Tribals) की लड़ाई है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्दोष की हत्या को प्रशासनिक संरक्षण (Administrative Cover) मिला, तो समाज का लोकतंत्र और न्यायपालिका (Judiciary) पर से भरोसा उठ जाएगा। बबलू मुंडा ने CBI जांच के साथ-साथ सूर्या के परिवार को सुरक्षा और मुआवजे (Compensation) की मांग की।


