Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित एक 10 वर्षीय बच्चे के रक्त चढ़ाने के बाद HIV पॉजिटिव पाए जाने के मामले में गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने उठाए सवाल
पेशेवर रक्तदाताओं की HIV जांच कैसे की जाती है?
HIV पॉजिटिव पाए जाने पर रक्तदान रोकने के लिए क्या प्रावधान हैं?
रक्त चढ़ाने से HIV संचरण रोकने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
सिविल सर्जन से सवाल-जवाब
सुनवाई के दौरान रांची के सिविल सर्जन प्रभात कुमार कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या रक्त चढ़ाने से पहले उसकी जांच की जाती है। सिविल सर्जन ने जवाब दिया कि बिना जांच के रक्त नहीं चढ़ाया जाता।
इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि फिर बच्चा HIV पॉजिटिव कैसे हो गया। सिविल सर्जन ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और स्वीकार किया कि चूक हुई है।
क्या है मामला?
यह मामला रांची सदर अस्पताल में थैलेसीमिया के इलाज के दौरान बच्चे को रक्त चढ़ाने से जुड़ा है, जिसके बाद वह HIV पॉजिटिव पाया गया। कोर्ट ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाया और सरकार से जवाब मांगा।


