Jharkhand News: रांची के बिरसा चौक बायपास के दाहिनी ओर HEC की सरकारी जमीन पर शनिवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की। JCB की मदद से कई घरों और दुकानों को तोड़ दिया गया। इस कार्रवाई से प्रभावित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की।
लंबे समय से था कब्जा, दोबारा उजाड़ी गई बस्ती
स्थानीय लोगों ने इस सरकारी जमीन पर लंबे समय से कब्जा कर घर और दुकानें बनाई थीं। प्रशासन ने पहले भी इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन लोग दोबारा कब्जा कर बस गए थे। शनिवार को फिर से की गई कार्रवाई ने कई परिवारों को बेघर कर दिया।
“हमारा सबकुछ छीन लिया”
स्थानीय निवासी रमेश साहू ने कहा, “हम यहां 20 साल से रह रहे हैं। यही हमारा सबकुछ है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के घर तोड़ देना अन्याय है। गरीब आदमी अब कहां जाएगा?”
वहीं, निशा कुमारी ने रोते हुए बताया, “हमने अपनी जमा-पूंजी से छोटा-सा मकान बनाया था, जो आज मलबे में बदल गया। बच्चों के सिर से छत छीन ली गई।”
पक्षपात का आरोप, पक्के मकानों को छूट?
एक बुजुर्ग महिला ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कुछ पक्के मकानों को छोड़ दिया गया, लेकिन गरीबों की झोपड़ियां उजाड़ दी गईं। यह गलत और अन्यायपूर्ण है।” स्थानीय लोगों ने मांग की कि सरकार को पहले पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
“कब्जा बर्दाश्त नहीं”
प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह जमीन सरकारी है और किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा, “कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
इस दौरान अरगोड़ा अंचल अधिकारी और जगरनाथपुर थाना प्रभारी की टीम के साथ भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद था।


