रांची : झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। पिछले चार दिनों से ओपीडी पंजीकरण पूरी तरह रुका हुआ है। वजह है—पंजीकरण काउंटरों पर लगे प्रिंटरों में इंक खत्म होना और नई इंक कार्ट्रिज का समय पर उपलब्ध न होना। इस छोटी-सी तकनीकी समस्या ने रोजाना आने वाले हजारों मरीजों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है।
मरीजों की लंबी कतारें, समय पर नहीं मिल पा रही डॉक्टरों की सलाह
पंजीकरण पर्ची नहीं मिलने के कारण अस्पताल में सुबह से ही लंबी कतारें लग रही हैं। कई मरीज काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी डॉक्टरों तक नहीं पहुंच पा रहे। कुछ लोग तो इतनी परेशानी देखकर बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं। खासकर दूर-दराज और गांवों से आए मरीजों के लिए यह स्थिति बेहद निराशाजनक है।
कर्मचारियों का कहना—इंक खत्म, विभाग से नहीं मिली नई कार्ट्रिज
अस्पताल कर्मियों के अनुसार ओपीडी पंजीकरण में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटरों की स्याही खत्म हो चुकी है। इसकी जानकारी संबंधित विभाग को दे दी गई थी, लेकिन अब तक नई इंक कार्ट्रिज उपलब्ध नहीं कराई गई है। कर्मचारियों का कहना है कि वे भी असहाय हैं, क्योंकि पंजीकरण पर्ची के बिना प्रक्रिया आगे बढ़ ही नहीं सकती।
मरीजों की नाराज़गी, प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग
मरीजों और उनके परिजनों ने इस स्थिति पर गहरी नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि रिम्स जैसे बड़े अस्पताल में इस तरह की बुनियादी कमी बहुत शर्मनाक है। चार दिनों से जारी अव्यवस्था ने प्रशासनिक उदासीनता को साफ उजागर कर दिया है। लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द व्यवस्था सुधारी जाए, ताकि साधारण संसाधनों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों।




