New Amendment bill Passed in the Assembly : झारखंड में पर्यटन से जुड़े काम अब पहले से ज्यादा सरल और तेज़ी से पूरे होंगे। इसके लिए झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) ने बुधवार को झारखंड पर्यटन विकास एवं निबंधन (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी।
नया कानून पूरे राज्य में लागू होगा और पर्यटन परियोजनाओं को जमीन पर उतारने में मदद करेगा।
प्राधिकार बनाएगा कामकाज को आसान
नए संशोधन के बाद पर्यटन विकास प्राधिकारों के काम में आने वाली प्रशासनिक दिक्कतें दूर होंगी। अब प्राधिकार को संचालन में सरलता मिलेगी और फैसलों को लागू करने की प्रक्रिया तेज़ होगी।
अध्यक्ष, MD और सदस्य सचिव की नियुक्ति
नए प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक पर्यटन प्राधिकार में एक अध्यक्ष, एक प्रबंध निदेशक (एमडी) और एक सदस्य सचिव होंगे। इन सभी को राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा।
जिले के उपायुक्त होंगे प्राधिकार के अध्यक्ष
हर जिले में संबंधित उपायुक्त प्राधिकार के अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। यदि किसी प्राधिकार में दो जिलों का क्षेत्र आता है तो सुविधा के आधार पर किसी एक जिले के उपायुक्त को अध्यक्ष बनाया जाएगा। अन्य सदस्यों को भी विभाग द्वारा नामित किया जाएगा।
प्राधिकार की सामान्य बैठक हर महीने अध्यक्ष द्वारा तय तारीख और स्थान पर आयोजित की जाएगी।
अतिक्रमण हटाने की मिलेगी विशेष शक्ति
संशोधन विधेयक के तहत प्राधिकार को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए हैं। अब वे अपने क्षेत्र में सड़कों, नालियों, जमीन और प्राधिकार की संपत्ति पर हुए किसी भी अतिक्रमण (Encroachment) को हटाने के लिए कार्रवाई कर सकेंगे।
इसके लिए उन्हें झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 में नगर आयुक्तों को दी गई शक्तियों जैसी अधिकारिता मिलेगी।
साथ ही, वर्ष 2015 के पर्यटन विकास और निबंधन अधिनियम की बाकी सभी धाराएं पहले की तरह लागू रहेंगी।
उपाध्यक्ष होंगे प्रबंध निदेशक
प्राधिकार में संबंधित जिले के उप विकास आयुक्त या सरकार द्वारा चुना गया कोई पदाधिकारी प्रबंध निदेशक बनेगा। यही पदाधिकारी प्राधिकार के उपाध्यक्ष की भूमिका भी निभाएगा और सभी कार्यों को सुचारू रूप से कराने की जिम्मेदारी संभालेगा।
सदस्य सचिव के रूप में जिले का पर्यटन नोडल पदाधिकारी या राज्य प्रशासनिक सेवा का कोई अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
फैक्ट फाइल : सदस्य सचिव की जिम्मेदारियां
अध्यक्ष या प्रबंध निदेशक के निर्देश में काम करेगा।
प्राधिकार की ओर से सभी धनराशि प्राप्त करेगा और रसीद जारी करेगा।
सभी आय-व्यय का सही लेखा रखेगा।
वेतन, भत्ता और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए धन निकालेगा।
प्राधिकार के किसी आदेश को प्रमाणित करेगा।
यह नया संशोधन झारखंड में पर्यटन विकास की रफ्तार बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे राज्य में पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे।




