Christmas Carnival Memories will be fresh Again : दिसंबर की ठंड और शहर में जगमगाती क्रिसमस की रोशनी के बीच नौ साल पहले रांची ने एक नई परंपरा की शुरुआत की थी।
साल 2016 में 15 दिसंबर को लोयोला मैदान (Loyola Field) से पहली बार क्रिसमस कार्निवल जुलूस निकाला गया था। ढोल–नगाड़े, मांदर और लोकगीतों की धुनों के बीच झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन ने इसे नई पहचान दी।
नई परंपरा की कहानी
पहले साल न भीड़ बहुत बड़ी थी और न ही संता क्लॉज की लंबी कतारें। केवल एक–दो लोग ही संता की पोशाक में दिखते थे, लेकिन उनके उत्साह ने पूरे माहौल को खुशियों से भर दिया था।
एम्पी फोर सीडी की धुनों पर युवा टोली नाचते–गाते आगे बढ़ रही थी। रास्ते में कई जगह ट्रॉफी और यादगारें भी बांटी गईं। महिलाएं, पुरुष और युवा मिलकर “Happy Christmas” के गीतों पर प्रेम और शांति का संदेश फैला रहे थे।
छोटे कदमों से बड़ा जुलूस बना
यह जुलूस लोयोला मैदान से शुरू होकर डांगरा टोली होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक तक निकाला गया था। मोटरसाइकिल और पैदल मार्च दोनों का मिश्रण इसे खास बना रहा था।
अध्यक्ष कुलदीप तिर्की के साथ अल्बिन लकड़ा, संदीप उरांव, लुकस, अरुण नगेशिया, अभिषेक, आकाश, रवि तिर्की, सोनू और जेवियर जैसे युवा इसकी मुख्य अगुवाई कर रहे थे।
युवाओं की नेतृत्व यात्रा
पहले कार्निवल की सबसे खास याद थी रोमन कैथोलिक चर्च के फादर अशोक कुजूर का संदेश।
उन्होंने इसे खुशी, प्रेम और अमन फैलाने की नई परंपरा बताया था। वह पहला पल आज भी रांची की यादों में उतना ही ताज़ा है—ढोल–नगाड़ों की गूंज और मांदर की ताल आज भी लोगों को वही उत्साह याद दिलाती है।
आध्यात्मिक संदेश जिसने दिल छुआ
समय के साथ कार्निवल बड़ा और भव्य होता गया। अब एक बार फिर 13 दिसंबर को वही रंग, वही उत्साह और वही धुनें रांची की सड़कों पर लौटने वाली हैं। शहर इस बार के भव्य Christmas Carnival जुलूस का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।




