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सरकार के फैसले से हजारों नियोजित शिक्षक होंगे प्रधान शिक्षक बनने की रेस से बाहर

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पटना: बिहार के हजारों टीईटी पास नियोजित शिक्षक इस बार प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक बनने से वंचित हो जायेंगे।

बिहार सरकार ने इसके लिए जो मापदंड तय किया है, उससे बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की होने वाली नियुक्ति में अधिकांश शिक्षक छंट जायेंगे।

पहली से पांचवीं क्लास के ऐसे शिक्षक प्रधान शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाली परीक्षा में बैठने के लिए इसलिए आवेदन नहीं कर पायेंगे, क्योंकि उनके लिए आठ वर्षों के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता है।

अनट्रेंड रहते हुए टीईटी पास होकर पहली से पांचवीं क्लास के शिक्षक, जिनकी ट्रेनिंग सवैतनिक अवकाश पर हुई और ये प्रधान शिक्षकों की बहाली में आवेदन इसलिए नहीं कर पायेंगे, क्योंकि उनके लिए शिक्षण अनुभव प्रशिक्षण की तिथि से माना जाना है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पहली बार साल 2011 में हुई थी, जिसका रिजल्ट साल 2012 में आया।

उस समय ट्रेंड और अनट्रेंड दोनों ही कोटि के अभ्यर्थियों के टीईटी में बैठने का प्रावधान था।

यही वजह रही कि उसमें ट्रेंड के साथ ही बड़ी संख्या में अनट्रेंड बैठे और पास हुए।

ऐसे अभ्यर्थियों की बहाली की प्रक्रिया साल 2013 में शुरू हुई लेकिन बहाल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कम ही रही।

साल 2014 में जब कैम्प मोड में बहाली हुई तो बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बहाल हुए। बाद में अनट्रेंड शिक्षकों के लिए सवैतनिक ट्रेनिंग की व्यवस्था हुई।

ट्रेनिंग पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उनकी ट्रेनिंग की परीक्षा हुई। विभिन्न सत्रों की परीक्षा बैठे शिक्षकों का रिजल्ट साल 2018 के बाद आया।

टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के के प्रवक्ता अश्विनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि ऐसा नहीं हुआ तो अनट्रेंड रहते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास पहली से पांचवीं क्लास के सवैतनिक अवकाश पर ट्रेनिंग लेने वाले एक भी शिक्षक प्रधान शिक्षक नहीं बन पायेंगे।

सरकार के इस फैसले से टीईटी पास नियोजित शिक्षकों को हो रहे नुकसान को देखते हुए टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर प्रधान शिक्षकों की बहाली में टीईटी पास शिक्षकों के लिए शिक्षण अनुभव की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है।

ज्ञापन में संगठन ने शिक्षा का अधिकार कानून, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानकों का हवाला देते हुए प्रधान शिक्षकों की बहाली में टीईटी अनिवार्य करने, टीईटी शिक्षकों का अलग संवर्ग गठित करने और स्नातक ग्रेड के प्रारंभिक शिक्षकों को पांच साल की सेवा के बाद मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोमोशन देने की मांग की है।

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