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गिरिडीह में शास्त्रीय प्रस्तुति से कलाकारों ने मोहा मन

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गिरिडीह: संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) और हिन्दुस्तान आर्ट एंड म्यूजिक सोसाईटी  (Hindustan Art and Music Society) के संयुक्त तत्वाचधान में भारत संस्कृति यात्रा (India Culture Tour) सोमवार को गिरिडीह (Giridih) के श्याम मंदिर पहुंचा, जहां शास्त्रीय संगीत और नृत्य (Dance) एक शानदार महफिल जमा।

गिरिडीह में शास्त्रीय प्रस्तुति से कलाकारों ने मोहा मन Artists enthralled by classical presentation in Giridih

तबले पर ही एक साथ दो महारथी भी संगत देने बैठे

इस सुरीली शाम का मजा लेने के लिए भी श्याम मंदिर (Shyam Mandir) में श्रोताओं की भीड़ उमड़ी थी। कोलकाता समेत कई राज्यों से आएं शास्त्रीय गायक (Classical Singer) और नृत्यांगनाओं की जोड़ी ने कत्थक नृत्य पेश किया। जबकि तबले पर ही एक साथ दो महारथी भी संगत देने बैठे थे।

भारत संस्कृति यात्रा (India Culture Tour) के इस भव्य और विराट शास्त्रीय संगीत समारोह की शुरुआत डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ, गिरिडीह के वयोवृद्ध तबला वादक पंडित शंभू दयाल केडिया (Pandit Shambhu Dayal Kedia), और हिदुस्तान आर्ट एंड म्यूजिक सोसईटी के सचिव प्रसन्नजीत पोद्दार, टॉम राघवन समेत कई अतिथियों ने दीप जलाकर किया।

शास्त्रीय प्रस्तुति की शुरुआत ओम नमः शिवाय पर कत्थक नृत्य से हुई

शास्त्रीय प्रस्तुति की शुरुआत कोलकाता से आई स्पीरिही माहेश्वरी (Spirehi Maheshwari) और दीपक अरोड़ा की जोड़ी ने ओम नमः शिवाय पर कत्थक नृत्य पेश किया।

इसी जोड़ी ने इसके बाद शास्त्रीय संगीत (Classical Music) की धुन पर ही एक और प्रस्तुति दिया। इसके बाद सोहिनी घोष ने वोकल नृत्य पेश की।

जबकि बांसुरी वादन पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना (Pandit Rajendra Prasanna) के साथ तबले के संगत पर साथ बैठे पंडित ललित कुमार और रविशंकर की जोड़ी भी अपनी प्रस्तुती से घंटों समां बांधे रखा।

संस्कृति यात्रा की दूसरी प्रस्तुति काशी में होगी

भारत सरकार के कला-एंव संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Art and Culture) की ओर से लगभग 290 दिनों का भारतीय संगीत (Indian Music) पर आधारित गायन-वादन की प्रस्तुति भारत संस्कृति यात्रा (India Culture Tour) के कार्यक्रम तय किये गए हैं, जो चार देशों के कई प्रदेशों के 14 शहरों में आयोजित किये जायेंगे।

Hindustani Art and Museum Society के बैनर तले 30 दिसम्बर 2023 तक चलने वाले क्रार्यकमों की श्रृंखला की शुरूआत गिरिडीह से हुई।

संस्कृति यात्रा की दूसरी प्रस्तुति भारतीय संगीत (Indian Music) के जनक भगवान शिव की नगरी काशी विश्वनाथ धाम में 21 मार्च को होगी।

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