Donald Trump took credit for the ceasefire for the 7th time: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) कराने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई। शुक्रवार को खाड़ी देशों की यात्रा से लौटते समय एयरफोर्स वन विमान में प्रेस से बातचीत में ट्रंप ने इसे “बड़ी सफलता” करार दिया।
उन्होंने कहा, “हम जो हुआ उससे बहुत खुश हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच गुस्से का स्तर देखा जाए तो यह अच्छी बात नहीं थी।” यह 10 मई के बाद 7वीं बार है जब ट्रंप ने सीजफायर का क्रेडिट लिया है।
हालांकि, भारत सरकार ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। नई दिल्ली ने साफ किया कि 10 मई को दोनों देशों के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला द्विपक्षीय था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने जमीन, हवा, और समुद्र में सभी कार्रवाइयां तत्काल रोकने पर सहमति बनाई। इसमें कोई मध्यस्थता नहीं थी।”
ट्रंप की खाड़ी यात्रा और दावे
ट्रंप ने अपनी चार दिवसीय खाड़ी यात्रा के दौरान सऊदी अरब, कतर, और UAE का दौरा किया। गुरुवार को कतर के अल उदीद एयर बेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का समाधान किया। यह बड़ी उपलब्धि है।” अल उदीद पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। ट्रंप ने 10 मई को भी ट्वीट कर दावा किया था कि उनकी मध्यस्थता में दोनों देशों ने “लंबी रात की बातचीत” के बाद सीजफायर पर सहमति जताई।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर
तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने बैसरन घाटी में 26 हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्या की थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें 23 मिनट के भीतर पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया।
इस सर्जिकल स्ट्राइक में 100-140 आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 हाइजैक और 2016 नगरोटा हमले के मास्टरमाइंड शामिल थे।
पाकिस्तान ने 8-10 मई को ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत के S-400 और आकाश डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।
10 मई को भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस, जिसमें नूर खान, रहीम यार खान, और भोलारी शामिल थे, को भारी नुकसान पहुंचाया। उसी दिन पाकिस्तानी DGMO ने भारतीय DGMO से संपर्क कर सीजफायर की पेशकश की, जिसे भारत ने स्वीकार किया।
मध्यस्थता का सवाल ही नहीं उठता
भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर और पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई जगह नहीं है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 10 मई को सीजफायर का फैसला दोनों देशों के DGMO की बातचीत का नतीजा था।
सूत्रों ने कहा, “पाकिस्तान ने पहले संपर्क किया। अमेरिका या किसी अन्य देश की मध्यस्थता का सवाल ही नहीं उठता।”
पाकिस्तान का कबूलनामा
पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने 16 मई को एक वायरल वीडियो में स्वीकार किया कि भारत के हमलों ने नूर खान एयरबेस सहित कई सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया।
सैटलॉजिक और Maxar की सैटेलाइट तस्वीरों ने भी नूर खान में कमांड यूनिट, रनवे, और VVIP विमान गल्फस्ट्रीम G450 के पास नुकसान की पुष्टि की।


