1 जुलाई से HDFC और ICICI बैंक के नियमों में बदलाव, क्रेडिट कार्ड, ATM और IMPS पर बढ़ेगा शुल्क

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Changes in the rules of HDFC and ICICI Bank: HDFC और ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए 1 जुलाई 2025 से क्रेडिट कार्ड, ATM और IMPS ट्रांजेक्शंस पर नए शुल्क लागू करने की घोषणा की है। इन बदलावों से मेट्रो और छोटे शहरों के ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।

HDFC बैंक के नए नियम

HDFC बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई लेनदेन पर 1% अतिरिक्त शुल्क लागू करने का ऐलान किया है।

गेमिंग ऐप्स : अगर आप MPL, Dream11, Junglee Games या Rummy Culture जैसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रति माह 10,000 रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं, तो पूरे खर्च पर 1% शुल्क देना होगा। यह शुल्क अधिकतम 4,999 रुपये प्रति माह तक सीमित रहेगा। इन ट्रांजेक्शंस पर कोई रिवॉर्ड पॉइंट्स नहीं मिलेंगे।

थर्ड पार्टी वॉलेट्स : Paytm, Mobikwik, Freecharge, या Ola Money जैसे वॉलेट्स में प्रति माह 10,000 रुपये से ज्यादा टॉप-अप करने पर 1% शुल्क लगेगा, जो अधिकतम 4,999 रुपये तक सीमित होगा।

फ्यूल खर्च : प्रति लेनदेन 15,000 रुपये से ज्यादा फ्यूल खर्च पर 1% शुल्क लागू होगा, अधिकतम 3,000 रुपये प्रति लेनदेन तक।

यूटिलिटी बिल : बिजली, पानी और गैस जैसे बिलों पर प्रति माह 50,000 रुपये (कंज्यूमर कार्ड) या 75,000 रुपये (बिजनेस कार्ड) से ज्यादा खर्च पर 1% शुल्क लगेगा, जो अधिकतम 4,999 रुपये प्रति माह तक सीमित होगा। बीमा भुगतान पर यह शुल्क लागू नहीं होगा।

ICICI बैंक के नए नियम

ICICI बैंक ने ATM और IMPS लेनदेन पर शुल्कों में बदलाव किया है।

मेट्रो शहरों (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद) में हर माह 3 मुफ्त लेनदेन, छोटे शहरों में 5 मुफ्त लेनदेन।

इसके बाद वित्तीय लेनदेन (पैसे निकासी) पर 23 रुपये (पहले 21 रुपये) और गैर-वित्तीय लेनदेन (बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट) पर 8.5 रुपये प्रति लेनदेन शुल्क लगेगा।

IMPS शुल्क

1,000 रुपये तक : 2.5 रुपये प्रति लेनदेन।

1,001 से 1 लाख रुपये तक: 5 रुपये प्रति लेनदेन।

1 लाख से 5 लाख रुपये तक: 15 रुपये प्रति लेनदेन।

डेबिट कार्ड शुल्क: डेबिट कार्ड का वार्षिक शुल्क 200 रुपये से बढ़कर 300 रुपये और रिप्लेसमेंट शुल्क 200 रुपये से 300 रुपये हो गया है।

इन नए शुल्कों से उन ग्राहकों पर असर पड़ेगा जो गेमिंग ऐप्स, वॉलेट्स, फ्यूल या यूटिलिटी बिलों पर ज्यादा खर्च करते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ग्राहक अपने मासिक खर्च को सीमा के अंदर रखें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। HDFC ने यह भी स्पष्ट किया है कि मर्चेंट कैटेगरी कोड (MCC) के आधार पर गेमिंग और वॉलेट लेनदेन की पहचान की जाएगी।