Bokaro violence: गुरुवार को बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य प्रशासनिक भवन के बाहर रोजगार की मांग कर रहे विस्थापित अप्रेंटिस कार्यकर्ताओं पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा लाठीचार्ज किया गया। इस घटना में गंभीर रूप से घायल 24 वर्षीय प्रेम महतो की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया है।
प्रेम महतो की मौत से गुस्सा भड़का
शिबूटांड़ गांव निवासी प्रेम महतो बीएसएल में नौकरी की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा था। सीआईएसएफ जवानों द्वारा सिर पर लाठियों से किए गए प्रहार में वह गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
सात प्रदर्शनकारी घायल, अस्पताल में भर्ती
घटना में सात अन्य प्रदर्शनकारी- महावीर, आशीष, कृष्णा, चंद्रप्रकाश, नितेश, रुखसाना और उर्मिला—गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सभी का इलाज बोकारो जनरल अस्पताल में चल रहा है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन अस्पताल में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
मौत के बाद दुकानों पर बंद का असर
प्रेम महतो की मौत की खबर फैलते ही आंदोलनकारियों ने सिटी सेंटर सेक्टर-4 की दुकानों को जबरन बंद करा दिया। लाठी-डंडों से लैस लोगों ने कई दुकानदारों को डराकर शटर गिरवा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला।
सीआईएसएफ और बीएसएल प्रबंधन का पक्ष
बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे लोग अचानक आक्रामक हो गए और जबरन गेट तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने पथराव भी किया, जिसके जवाब में सीआईएसएफ को कार्रवाई करनी पड़ी। सीआईएसएफ का दावा है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर ही बल प्रयोग किया गया।
शाम को हालात और बिगड़े, जवान गिरफ्तार
शाम करीब 5.15 बजे आंदोलनकारियों ने एडीएम गेट के पास बीएसएल कर्मियों को रोका। भीड़ हटाने के लिए पहुंची सीआईएसएफ टीम पर फिर से तनाव बढ़ गया, जिसके बाद दोबारा लाठीचार्ज हुआ। इसी बीच प्रेम महतो की मौत हो गई। मामले में एक सीआईएसएफ जवान को हिरासत में लिया गया है।