HomeUncategorizedकॉलेज के प्रोफेसर ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश, जाने क्यों

कॉलेज के प्रोफेसर ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश, जाने क्यों

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: बीते चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के महाराजा अग्रसेन कालेज (Maharaja Agrasen College) के अध्यापकों ने फुटपाथ पर जूते पॉलिश (Shoe Polish) कर अपना विरोध जताया है।

कालेज के प्रोफेसर्स (Professors) ने कॉलेज के बाहर ही दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी और अपनी आर्थिक स्थिति जताने के लिए लोगों के जूते पॉलिश किए।

बड़ी तादाद में छात्रों ने भी शू-पालिश धरने में भागीदारी की। गौरतलब है कि महाराजा अग्रसेन के कालेज का स्टाफ नियमित वेतन न मिलने की समस्याओं से जूझ रहा है।

शिक्षकों के मुताबिक कालेज के तदर्थ अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग के एरियर भी अभी तक नहीं मिले हैं। पिछले तीन सालों से अध्यापकों (Teachers) को चिकित्सा बिलों का भुगतान, LTC सुविधा का भुगतान और बाल शिक्षा भत्ता भी नहीं मिला है।

दरअसल Delhi University के बारह कालेजों में शत-प्रतिशत वित्तपोषण दिल्ली सरकार द्वारा किया जाता है, इन्ही बारह कालेजों में लगातार वित्तीय समस्याएं बनी रहती हैं। शिक्षकों कहना है कि पिछले तीन सालों से इन कालेजों को मिलने वाले अनुदान में कमी और देरी के मामले सामने आये हैं।

कॉलेज के प्रोफेसर ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश, जाने क्यों College professor polishes shoes on footpath, know why

अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला है

प्रोफेसर पीके शर्मा के मुताबिक महाराजा अग्रसेन कालेज के अध्यापकों और कर्मचारियों को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है।

वेतन न मिलने की स्थिति में कर्मचारी और अध्यापक अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, ये अपने लोन के भुगतान की किश्तें भी नहीं दे पाए हैं।

महामारी में घर के सदस्यों के बीमार होने की भयंकर त्रासदियों का सामना भी कई कर्मचारियों और अध्यापकों ने किया है। कई के परिवार में किसी मृत्यु की स्थिति में उधार मांगकर क्रिया-कर्म निपटाने जैसे मामले भी सामने आये हैं।

कुल मिलाकर अध्यापन जैसे सम्मानजनक पेशे से जुड़े कई अध्यापक खुद को एकदम बेबस और अपमानित महसूस कर रहे हैं और मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।

Corana काल में भी महाराजा अग्रसेन कालेज के कर्मी इस तरह से महीनों महीने वेतन न मिलने की स्थिति का शिकार हुए थे।

महाराजा अग्रसेन कालेज के शिक्षकों ने अनियमित वेतन की समस्याओं को कालेज के प्रिंसिपल, कालेज के शासी निकाय, दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा), दिल्ली विश्वविद्यालय के उप-कुलपति, दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर और दिल्ली सरकार के सामने भी रखा। हालांकि अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला है।

कॉलेज के प्रोफेसर ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश, जाने क्यों College professor polishes shoes on footpath, know why

हर महीने वेतन का नियमित भुगतान संतोषजनक तरीके से किया जाना चाहिए- शिक्षक

ऐसी बदहाली की सूरत में अब अध्यापकों ने आंदोलन करने का फैसला लिया है ताकि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। अध्यापकों ने फैसला किया है कि अब तरह तरह से नए नए तरीकों से आंदोलन तब तक चलाया जायेगा, जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिल जाता।

शिक्षकों का कहना है कि हर महीने वेतन का नियमित भुगतान संतोषजनक तरीके से किया जाना चाहिए।

अपना विरोध जताने व अपनी बदहाली की तरफ सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए के लिए अध्यापकों ने पहले कदम के तौर पर शू-पालिश धरने का आयोजन किया है।

अध्यापकों और अध्यापिकाओं ने कालेज के बाहर की सड़क पर जनता और अपने छात्रों-छात्राओं के जूतों और चप्पल पर पालिश की और इससे जनसमर्थन जुटाया।

spot_img

Latest articles

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

रांची में एनीमिया मुक्त झारखंड सप्ताह की तैयारी, 15 से 21 दिसंबर तक चलेगा विशेष अभियान

Preparations for Anaemia Free Jharkhand Week in Ranchi: एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत...

पश्चिम बंगाल में SIR के बाद बड़ा बदलाव, वोटर लिस्ट से 58 लाख से ज्यादा नाम हटे

Major Change in West Bengal after SIR: पश्चिम बंगाल में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन...

स्पष्ट लक्ष्य और ठोस कार्रवाई से ही जीते जाते हैं युद्ध: CDS अनिल चौहान

CDS Anil Chauhan : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा...

खबरें और भी हैं...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

रांची में एनीमिया मुक्त झारखंड सप्ताह की तैयारी, 15 से 21 दिसंबर तक चलेगा विशेष अभियान

Preparations for Anaemia Free Jharkhand Week in Ranchi: एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत...

पश्चिम बंगाल में SIR के बाद बड़ा बदलाव, वोटर लिस्ट से 58 लाख से ज्यादा नाम हटे

Major Change in West Bengal after SIR: पश्चिम बंगाल में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन...