Congress Taunts Centre Over Renaming of MNREGA: प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर योजनाओं के नाम बदलने को लेकर कड़ा हमला बोला है।
पार्टी के महासचिव राकेश सिन्हा ने महात्मा गांधी नेशनल रूरल रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) का नाम बदले जाने के प्रस्ताव पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार को योजनाओं और कानूनों के नाम बदलने में महारत हासिल है।
उन्होंने कहा कि नाम बदलना सरकार की आदत बन चुकी है, जबकि जमीनी स्तर पर नई योजनाएं लाने का काम नहीं किया जा रहा है।
योजनाओं की रीब्रांडिंग पर उठाए सवाल
राकेश सिन्हा ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले निर्मल भारत अभियान का नाम बदलकर स्वच्छ भारत अभियान किया गया और ग्रामीण LPG वितरण कार्यक्रम को उज्ज्वला योजना का नाम दे दिया गया।
उनके अनुसार, सरकार पैकेजिंग, ब्रांडिंग और नामकरण में तो आगे है, लेकिन असल काम में पीछे है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से जनता की समस्याएं हल नहीं होतीं, बल्कि केवल प्रचार किया जाता है।
महात्मा गांधी के नाम पर आपत्ति क्यों?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि सरकार को पंडित नेहरू (Pandit Nehru) से तो नफरत है ही, लेकिन अब महात्मा गांधी के नाम से भी परेशानी हो रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना वर्ष 2005 से लागू है और इसका नाम बदलकर “पूज्य बापू रोजगार गारंटी योजना” करने की बात की जा रही है। राकेश सिन्हा ने सवाल उठाया कि महात्मा गांधी के नाम से आखिर क्या दिक्कत है।
कांग्रेस की योजना, BJP का प्रचार
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में केंद्र की BJP सरकार ने आम जनता के लिए कोई नई बड़ी योजना शुरू नहीं की।
इसके बजाय कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के नाम बदलकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है और जनता को गुमराह कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जरूरत योजनाओं को मजबूत करने की है, न कि उनके नाम बदलने की।
कुल मिलाकर, कांग्रेस का कहना है कि सरकार को नाम बदलने की राजनीति छोड़कर रोजगार, महंगाई और गरीबों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए।




