PMLA एक्ट के तहत ED की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया वारंट

News Aroma Desk

Enforcement Directorate ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत शिकायत दर्ज की है। उस पर PMLA न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए आरोपियों को नोटिस जारी करने के साथ इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया है।

2002 में PMLA कोर्ट श्रीनगर के समक्ष आरोपी मोहम्मद अकबर भट, फातिमा शाह, अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख, मंजूर अहमद शाह, मोहम्मद इकबाल मीर और सैयद खालिद गिलानी उर्फ खालिद अंद्राबी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

अब न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय की इस शिकायत का संज्ञान लिया है और काजी यासिर, अल्ताफ अहमद भट और मंजूर अहमद शाह को छोड़कर सभी आरोपियों को नोटिस जारी करने के साथ उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

इस मामले में ED ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की थी।

ED की जांच में पता चला कि आरोपी व्यक्ति कुछ शैक्षिक लोगों के साथ मिलकर प्रति छात्र 10-15 लाख रुपये की मोटी रकम लेकर पाकिस्तान के विभिन्न कॉलेजों में MBBS पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाते थे।

ED की जांच में आगे पता चला कि आरोपी व्यक्तियों द्वारा छात्रों के परिवार वालों से उनके व्यक्तिगत खातों और अल-जबर ट्रस्ट के बैंक खातों में रकम प्राप्त किया जा रहा था, जो दान की आड़ में लिया जा रहा था।

अल-जबर ट्रस्ट में प्राप्त राशि का उपयोग भारत में आतंकवादी गतिविधियों जैसे पत्थरबाजी, आतंकवादियों को धन वितरित करने के लिए किया गया था।

जम्मू-कश्मीर में ED की जांच में आगे पता चला कि आरोपी मोहम्मद अब्दुल्ला शाह ने मंजूर अहमद शाह की संपत्ति बेच दी थी, जो वर्तमान में पीओके में हैं। इस आय का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों, पथराव के लिए किया गया था।

इससे पहले इस मामले में ED ने 5 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की थी और मोहम्मद अकबर भट, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, फातिमा शाह और सबज़ार अहमद शेख को भी गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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