Covid-19: एशिया में खासकर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में कोविड-19 के मामलों में अचानक उछाल के बीच भारत में भी हल्की हलचल देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 19 मई 2025 तक देश में 257 सक्रिय कोविड केस हैं, जो सभी हल्के हैं और किसी को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
मंत्रालय ने सोमवार को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), ICMR, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल और सेंट्रल हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञों के साथ हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग की, जिसमें स्थिति को नियंत्रण में बताया गया। लेकिन सिंगापुर में 28% केस बढ़कर 14,200 और हॉन्गकॉन्ग में 31 गंभीर मामलों के बाद भारत सतर्क है।
भारत की तैयारी, IDSP और ICMR की निगरानी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और ICMR का जीनोम सीक्वेंसिंग सिस्टम कोविड और अन्य श्वसन रोगों पर पैनी नजर रख रहा है। केरल (69 केस), महाराष्ट्र (44), और तमिलनाडु (34) में सबसे ज्यादा मामले हैं, लेकिन सभी माइल्ड हैं।
मंत्रालय ने अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों (ILI) और गंभीर श्वसन संक्रमण (SARI) की मॉनिटरिंग बढ़ाने को कहा है। दवाएं, बेड, और ऑक्सीजन की उपलब्धता की नियमित समीक्षा हो रही है।
JN.1 वेरिएंट का खतरा, पुरानी वैक्सीन प्रभावी
डॉ. मोहसिन वली (सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली) के मुताबिक, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में JN.1 सबवेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 फैल रहे हैं, जो ओमिक्रॉन का हिस्सा हैं। ये वेरिएंट भारत में पहले देखे गए वेरिएंट्स से बहुत अलग नहीं हैं, और गंभीरता में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा। लक्षण वही हैं-सूखी खांसी, बुखार, सिरदर्द, स्वाद-गंध का जाना।
पुरानी कोविड वैक्सीन और GEMCOVAC-19 (ओमिक्रॉन के लिए बनी) इनके खिलाफ प्रभावी हैं। हाई-रिस्क ग्रुप्स जैसे बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को बूस्टर डोज की सलाह दी जा रही है।
सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में क्यों उछाल?
सिंगापुर में 27 अप्रैल-3 मई तक 14,200 केस और 30% ज्यादा हॉस्पिटलाइजेशन दर्ज हुए। हॉन्गकॉन्ग में 6.21% से 13.66% टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बढ़ा, और 30 मई तक 81 गंभीर केस और 30 मौतें (ज्यादातर बुजुर्ग) हुईं।
थाईलैंड में सॉन्गक्रान फेस्टिवल के बाद 33,030 केस (11-17 मई) और चीन में मार्च-मई में टेस्ट पॉजिटिविटी दोगुनी हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कम होना और बड़े समारोह इसका कारण हैं, न कि कोई नया खतरनाक वेरिएंट।