Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची में हो रही होम गार्ड भर्ती के खिलाफ मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका देवराज चातर ने दाखिल की है, जिसमें रांची जिले के उपायुक्त, होमगार्ड DG, गृह सचिव, जिला समादेष्टा रांची और अन्य अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है।
इससे पहले चाईबासा जिले में होम गार्ड भर्ती के खिलाफ भी Jharkhand Home Guard Welfare Association ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में क्या है मांग?
देवराज चातर की याचिका में मांग की गई है कि होम गार्ड भर्ती के लिए जारी विज्ञापन संख्या 01/2025 पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही, शहरी और ग्रामीण गृह रक्षकों की भर्ती में 100% स्थानीय निवासी नियम को रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में दावा किया गया है कि ये नियम झारखंड गृह रक्षक स्वयंसेवक नियमावली 2014 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि स्थानीय निवासी नियम के कारण योग्य उम्मीदवारों को अवसर से वंचित किया जा रहा है।
चाईबासा में भी उठा था यही मुद्दा
इससे पहले, झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार तिवारी ने चाईबासा में होम गार्ड भर्ती के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका में भी नियमावली 2014 के कंडिका 4 के नोट 1 और 2 को चुनौती दी गई थी।
चाईबासा याचिका में राजीव तिवारी के साथ चरण चातर, प्रकाश पुर्ति और अन्य शामिल थे। अब रांची में दायर याचिका ने भर्ती प्रक्रिया पर नया सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या है 100% स्थानीय निवासी नियम?
झारखंड में होम गार्ड भर्ती के लिए नियम है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में केवल स्थानीय निवासियों को ही भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि ये नियम भेदभावपूर्ण है और योग्यता के आधार पर चयन की प्रक्रिया को बाधित करता है। याचिका में कहा गया है कि इस नियम के कारण गैर-स्थानीय लेकिन योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं मिल रहा।
कोर्ट ने क्या कहा?
रांची में होम गार्ड भर्ती को लेकर पहले भी झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। दिसंबर 2024 में जस्टिस डॉ. एसएन प्रसाद की बेंच ने रांची में भर्ती से संबंधित सभी दस्तावेज और परिणाम कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने माना था कि रांची में 2016 की भर्ती में कट-ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक पाने वाले उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर मनचाहे लोगों की नियुक्ति की गई थी। अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को होनी है।
भर्ती पर क्या होगा असर?
देवराज चातर की इस नई याचिका से रांची में होम गार्ड भर्ती प्रक्रिया पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। अगर कोर्ट विज्ञापन पर रोक लगाता है या स्थानीय निवासी नियम को रद्द करता है, तो भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हो सकता है।
इससे न केवल रांची, बल्कि चाईबासा और अन्य जिलों में चल रही भर्तियों पर भी असर पड़ सकता है।